Elephant: बिहार में ऐसा पशुप्रेमी जिसने हाथियों के नाम कर दी अपनी सारी प्रॉपर्टी

Animal Lover gave his Property to Elephants: लोग केरल में गर्भवती हथिनी की मौत मामले को भूले नहीं है वहीं उसके उलट ऐसे भी लोग हैं जो जानवरों पर अपना सबकुछ लुटा सकते हैं।

animal lover Akhtar Imam gave his property to 2 elephants in Bihar
इमाम अख्तर ने कहा कि वे बचपन से ही हाथियों के साथ रहे हैं और आज भी ये दो हाथी उनके परिवार के सदस्य हैं  |  तस्वीर साभार: IANS
मुख्य बातें
  • अख्तर इमाम ने कहा कि वे बचपन से ही हाथियों के साथ रहे हैं
  • अख्तर ने कहा मैंने अपनी करीब 6़25 एकड़ जमीन इन दोनों हाथियों के नाम कर दिया
  • अख्तर ने दावा किया कि एक घटना में इन हाथियों ने उनकी जान बचाई थी

पटना: बिहार में पशुप्रेमी एक शख्स ने अपनी पूरी जमीन-जायदाद अपने दो हाथियों के नाम कर दी। शख्स का दावा है कि इन हाथियों ने एक अपराधी से उसकी जान बचाई है।पटना से सटे फुलवारीशरीफ (जानीपुर) के रहने वाले मोहम्मद अख्तर इमाम के पास दो हाथी हैं, जिनकी उम्र क्रमश: 20 और 15 साल है। इन्होंने इनका नाम मोती और रानी रखा है।

ये दोनों हाथी उनके साथ ही रहते हैं। पशुप्रेमी 50 वर्षीय अख्तर इमाम कहते हैं कि हाथी उन्हें विरासत में मिले थे, उसी की ये दोनों संतानें हैं। उन्होंने कहा कि वे बचपन से ही हाथियों के साथ रहे हैं। आज भी ये दो हाथी उनके परिवार के सदस्य हैं।केरल में एक गर्भवती जंगली हाथी की मौत की खबरों की बीच ऐसे पशुप्रेमी की खबर काफी राहत देने वाली है। अख्तर कहते हैं कि अभी भी कई ऐसे कई लोग हैं, जो पालने के लिए उन्हें हाथी देना चाहते हैं।

एशियन एलिफेंट रिहैबिलिटेशन एंड वाइल्डलाइफ एनिमल ट्रस्ट (एरावत) के प्रमुख अख्तर ने बताया, पिछले सप्ताह मैंने अपनी करीब 6़25 एकड़ जमीन इन दोनों हाथियों के नाम कर दिया, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि मेरे नहीं रहने पर भी इन जानवरों को कभी भूखे नहीं रहना पड़ेगा।

उन्होंने इन दोनों हाथियों को अपने परिवार का सदस्य बताते हुए कहा कि इनके बिना वह नहीं रह सकते। अख्तर अपनी पत्नी को तलाक दे चुके हैं और अब फुलवारी शरीफ इलाके में इन दो हाथियों के साथ रहते हैं। 

एक घटना में हाथियों ने बचाई थी उनकी जान 

अख्तर ने दावा किया कि एक घटना में इन हाथियों ने उनकी जान बचाई थी। अख्तर ने कहा, मोती एक महावत के साथ भोजपुर जिले के शाहपुर क्षेत्र में गया था। वहीं वह बीमार पड़ गया। इस सूचना के बाद मैं उसका इलाज कराने गया था। वहां रात में जब मैं सो रहा था, तभी मोती चिंघाड़ने लगा और मेरी नींद खुल गई। उस समय मैं देखा कि खिड़की से एक अपराधी बंदूक ताने हुए है। इसके बाद मैंने भागकर अपनी जान बचाई।

अख्तर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके ही परिवार के सदस्य पशु तस्करों से मिलकर हाथी को बेचने की कोशिश कर रहे थे और उनकी भी हत्या करने की कोशिश कर रहे हैं।अख्तर ने स्पष्ट कहा कि उनको अपने ही परिवार के सदस्यों से अपनी जान का खतरा है, क्योंकि उन्होंने अपनी जमीन अपने दो हाथियों के नाम रजिस्ट्री कर दी है।

अख्तर महावतों को हाथी पालने का प्रशिक्षण भी देते हैं

उन्होंने बिहार के मुख्य वन संरक्षक और पटना जिला पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर अपने परिवार के सदस्यों के खिलाफ कथित तौर पर हत्या की कोशिश करने का आरोप लगाया और उन पर कार्रवाई करने की मांग की है। उन्होंने हाल के दिनों में पशुओं पर बढ़ते अत्याचार की घटनाओं पर चिंता प्रकट करते हुए कहा कि अगर सरकार ने हाथियों के बचाने के लिए उपाय नहीं किया तो हाथी केवल किताबों में दिखेंगे। उन्होंने कहा कि हाथी आज जंगली इलाके छोड़कर गांवों की ओर अपने भोजन की तलाश में आ रहे हैं।

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