सेना से रिटायर होकर लौटा फौजी, तो गांव वालों ने स्वागत में बिछा दी अपनी हथेलियां [VIDEO]

मध्य प्रदेश के नीमच जिले में एक फौजी रिटायर होकर लौटा तो उसका ऐसा स्वागत हुआ कि हर कोई देखता रह गया। गांव लोगों ने उसके पैर जमीन नहीं पड़ने दिए।

Naik Vijay Bahadur Singh
रिटायर होकर लौटा फौजी, लोगों ने स्वागत में हथेलियां बिछा दीं 
मुख्य बातें
  • मध्य प्रदेश के नीमच से सामने आया रिटायर फौजी के स्वागत का शानदार वीडियो
  • गांव वालों ने रिटायर फौजी के गांव लौटते ही हथेली बिछाकर किया स्वागत
  • पूरे गांव ने किया एकत्र होकर स्वागत, बजे देशभक्ति गाने

नीमच: सीमा पर देश की सुरक्षा में तैनात एक जवान जब अपनी 17 साल की सेवा पूरी कर अपने गांव लौटा तो उसका इस तरह से स्वागत हुआ कि जिसकी जवान ने भी कल्पना नहीं की थी। मामला मध्य प्रदेश के नीमच का है जहां नायक विजय बहादुर सिंह 17 साल की सेवा पूरी कर बुधवार को जैसे ही अपने गांव लौटे तो पूरा गांव उनके स्वागत के लिए तैयार था। जैसे ही विजय गांव में पहुंचे तो लोगों ने उनके पांव जमीन पर नहीं पड़ने दिए और अपनी हथेलियां बिछाकर उनका स्वागत किया।

वायरल हुआ वीडियो
सोशल मीडिया पर विजय बहादुर के स्वागत का वीडियो वायरल हो रहा है। इस दौरान वहां देशभक्ति गाने भी बजते हुए सुनाई दे रहे हैं। इस गांव में करीब 60 लोग आर्मी में नौकरी करते हैं। जैसे ही विजय बहादुर सिंह अपने गांव लौटे तो गांव वालों ने अपने हाथ जमीन पर बिछाकर फौजी से अपने पांव रखवाएं और फिर उन्हें  माला पहनाकर गांव में स्थित गणेश मंदिर के दर्शन करवाए। इस तरह का स्वागत देखकर विजय बहादुर भी भावुक हो उठे।

विजय बोले यह गर्व का पल

संदीप सिंह ने बताया, 'आज मेरे लिए बहुत गर्व का पल है, मुझे बहुत ही गर्व महसूस हो रहा है। आज मैं सेना के अंदर 17 साल 26 दिन सेवा करके रिटायर हुआ। जब मैं जीरन (गांव) में आया तो यहां की जनता ने जो देशभक्ति दिखाई वो.. जैसे ही मैं यहां आया तो इन्होंने मेरे पांव जमीन पर नहीं रखने दिए। उन्होंने हथेलियों पर मेरे पांव रखवाएं और मंदिर के दर्शन करवाए। मैंने पहली बार 3 जनवरी 2004 को आर्मी ज्वाइन की। इस दौरान मैंने कारगिल, जम्मू कश्मीर, लेह लद्दाख, बटालिक, अरुणाचल, हिमाचल, बाड़मेर, बीकानेर जैसे जगहों पर सर्विस की। मैं आर्मी हेडक्वार्टर, शिमला से रिटायर हुआ हूं।'

वहीं रिटायर विजय बहादुर के पिता ने कहा कि उनका सीना आज गर्व से और चौड़ा हो गया है और वो चाहते हैं कि सेना में अधिक से अधिक लोग जाएं तथा देश की सेवा करें। उन्होंने कहा, 'आज जो स्वागत हुआ मेरे बच्चे का, ये बहुत बड़ी उपलब्धि है जीरन गांव के लिए जो मैंने जिंदंगी में पहली बार देखा है।'


 

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