नई दिल्ली : कश्मीर के कई हिस्सों में इन दिनों ठंड के साथ-साथ जमकर हिमस्खलन हो रहा है। पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में भी हालात नाजुक है। मंगलवार को पीओके में हुई भीषण बर्फबारी के बाद हिमस्खलन में 12 वर्षीय एक लड़की दब गई। चमत्कार तब हुआ जब 18 घंटों के बाद भी लड़की जीवित पाई गई। अपनी बच्ची के बर्फीले तूफान की चपेट में आने के बाद उसके परिवार वाले काफी परेशान हो गए थे।
बर्फीले तूफान के नीचे दब जाने के बाद 12 वर्षीय समीना ने मदद के लिए काफी आवाज लगाए लेकिन किसी के कानों तक उसकी आवाज नहीं पहुंच पाई। बताया जाता है कि मंगलवार को पीओके के नीलम घाटी में आए भीषण बर्फीले तूफान के कारण करीब 74 लोगों की जानें चली गई।
समीना उनमें से एक थी किस्मत ने जिसका साथ दिया और वह जिंदा बच गई। उसने बताया कि मुझे लगा कि मैं मर जाऊंगी। फिलहाल उसका मुजफ्फराबाद के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है। इसी बर्फीले तूफान में इसके भाई बहन और अन्य दर्जनों लोग मारे गए।
समीना ने बताया कि रेस्क्यू के दौरान खुद के बचने की उम्मीद में उसने एक मिनट के लिए अपनी आंखें नहीं झपकाई। हालांकि उसके पैरों में फ्रैक्चर आ गई थी और उसके मुंह से खून निकलने लगा था।
उस घटना को याद करते हुए समीना ने बताआ कि हम पूरी फैमिली के साथ अलाव के चारों तरफ बैठे थे। उसी समय अचानक से आए हिमस्खलन ने पलक झपकते ही सब तबाह कर दिया। पाकिस्तान के इन इलाकों में पिछले दो दिनों में हिमस्खलन में करीब 100 लोगों की जानें चली गई है।
बता दें कि 2012 में भी भारतीय सीमा के पास पीओके में पाकिस्तानी आर्मी हेडक्वार्टर के पास आए एवलांच में करीब 124 सैनिकों और 11 नागरिकों की जान चली गई थी।