Teacher's Day Speech: टीचर्स डे के मौके पर गुरू के सम्मान में ऐसे दें हिंदी में प्रभावशाली भाषण

Teacher's Day Speech in Hindi (टीचर्स डे स्पीच): हर साल की तरह इस साल भी 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जा रहा है। इस दिन कई तरह के कार्यक्रम होते हैं, जानें कैसे आप हिंदी में प्रभावशाली भाषण दे सकते हैं।

Teachers Day Bhashan Ideas, check these splendid speech for teachers day 2020
शिक्षक दिवस के मौके आप भी प्रभावशाली तरीके से हिंदी में भाषण दे सकते हैं 

भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन (5 सितंबर) भारत में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। हर साल 5 सितंबर को भारत में टीचर्स डे (Teachers Day) के तौर पर मनाया जाता है। इस दिन स्कूलों में तरह-तरह के कार्यक्रम होते हैं और बच्चे इनमें भाग लेते हैं। शिक्षकों के सम्मान में ये कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। बता दें कि डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन को 1962 से शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है, उन्होंने अपने छात्रों से जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने की इच्छा जताई थी। दुनिया के 100 से ज्यादा देशों में अलग-अलग तारीख पर शिक्षक दिवस मनाया जाता है।

शिक्षक एक बच्चे के भविष्य में महत्वपूर्ण योगदान देता है, देश के पहले उप-राष्‍ट्रपति डॉ राधाकृष्‍णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु के तिरुमनी गांव में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। वे बचपन से ही किताबें पढ़ने के शौकीन थे और स्वामी विवेकानंद से काफी प्रभावित थे, शिक्षक दिवस के मौके आप भी प्रभावशाली तरीके से हिंदी में भाषण दे सकते हैं।

देखें कुछ ऐसे ही भाषण-

आदरणीय अध्यापकों और मेरे प्यारे मित्रों को सुप्रभात

जैसा कि हम सभी यहाँ एकत्र होने का कारण जानते हैं। हम आज यहाँ शिक्षक दिवस मनाने के लिए और हमारे व राष्ट्र के भविष्य के निर्माण के लिए शिक्षकों के कठिन प्रयासों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए इकट्ठा हुए हैं। आज 5 सितम्बर है, और यह दिन हर साल हम बड़े उत्साह, खुशी और उल्लास के साथ शिक्षक दिवस के रुप में मनाते हैं।

सबसे पहले, मैं अपने कक्षा अध्यापक को इस महान अवसर पर, मुझे भाषण देने का अवसर प्रदान करने के लिए धन्यवाद कहता/कहती हूँ। मेरे प्यारे मित्रों, शिक्षक दिवस के इस अवसर पर, मैं शिक्षकों के महत्व पर हिन्दी में अपने विचार भाषण के माध्यम से रखना चाहता/चाहती हूँ।

पूरे देश के विद्यार्थी इस दिन को शिक्षकों को सम्मानित करने के लिए मनाते हैं। यह सही कहा गया है कि, शिक्षक हमारे समाज की रीढ़ की हड्डी होते हैं। वे विद्यार्थियों के चरित्र का निर्माण करने और उसे भारत के आदर्श नागरिक के आकार में ढालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

अध्यापक छात्रों को अपने स्वंय के बच्चे की तरह बड़ी सावधानी और गंभीरता से शिक्षित करते हैं। किसी ने सही कहा कि, शिक्षक अभिभावकों से भी महान होता है। अभिभावक एक बच्चे को जन्म देते हैं, वहीं शिक्षक उसके चरित्र को आकर देकर उज्ज्वल भविष्य बनाते हैं। इसलिए, हमें उन्हें कभी भी भूलना और नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, हमें हमेशा उनका सम्मान और उनसे प्रेम करना चाहिए।

हमारे माता-पिता हमें प्यार और गुण देने के लिए जिम्मेदार हैं हालांकि, हमारे शिक्षक पूरा भविष्य उज्ज्वल और सफल बनाने के लिए जिम्मेदार हैं। वे हमें अपने निरंतर प्रयासों के माध्यम से हमारे जीवन में शिक्षा के महत्व से अवगत कराते हैं। वे हमारी प्रेरणा के स्रोत होते हैं जो हमें आगे जाने और सफलता प्राप्त करने के लिए प्रेरित करते हैं। वे हमें संसारभर के महान व्यक्तित्वों का उदाहरण देकर शिक्षा की ओर प्रोत्साहित करते हैं।

वे हमें बहुत मजबूत और जीवन में आने वाली हरेक बाधा का सामना करने के लिए तैयार करते हैं। वे पूरी तरह से अपार ज्ञान और बुद्धि से भरे होते हैं जिसका प्रयोग करके वे हमारे जीवन को पोषित करते हैं। चलों आओ मेरे प्यारे साथियों, हम सभी एक साथ अपने शिक्षकों के सम्मान में कहें कि, ‘हमारे आदरणीय शिक्षकों जो कुछ भी आपने हमारे लिए किया उसके लिए हम आपके हमेशा आभारी रहेगें’। मेरे प्यारे मित्रों, हमें हमेशा अपने अध्यापकों के आदेशों का पालन करना चाहिए और देश का योग्य नागरिक बनने के लिए उनकी सलाह का अनुकरण करना चाहिए।

धन्यवाद।

------------------------------------------------------------------------------------------------------------------
माननीय मुख्य अतिथि, आदरणीय शिक्षक वर्ग और मेरे प्यारे दोस्तों,

जैसा कि हम सब जानते हैं की हम सब शिक्षक दिवस का जश्न मनाने के लिए यहां उपस्थित हुए हैं। आज मैं आपको शिक्षक दिन के अवसर पर शिक्षक के महत्व पर छोटा सा भाषण देने जा रहा हूं। मेरी आपसे विनती है की कृपया करके आप मेरा यह भाषण ध्यानपूर्वक और शांतिपूर्वक सुनें।

आज 5 सितंबर है और हम सभी को पता है की आज शिक्षक दिवस है। हम सब हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस का जश्न मनाते है। आज डॉ सर्वेपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन है। डॉ सर्वेपल्ली राधाकृष्णन राष्ट्रपति बनने से पहले एक महान प्रतिशिष्ठ शिक्षक थे। इसलिए उनका जन्मदिन पूरे देश में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।

डॉ सर्वेपल्ली राधाकृष्णन ने केवल भारत के राष्ट्रपति थे बल्कि एक महान शिक्षक भी थे। शिक्षक दिवस के दिन हमारे देश के शिक्षकों के प्रति सम्मान करने के लिए यह शिक्षक दिवस मनाया जाता है। छात्रों के व्यक्तित्व को आकार देने और भविष्य को उज्ज्वल बनाने में शिक्षक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है और उन्हें देश का एक आदर्श नागरिक बनाते है।

शिक्षक छात्रों को अपने बच्चे के रूप में प्यार करते है। शिक्षक छात्रों में भेदभाव नहीं करते और सभी छात्रों पर ध्यान देते है। हमारे माँ-बाप हमें देश का एक अच्छा नागरिक बनाने के लिए स्कूल में भेजते है। हालाँकि हमारे शिक्षक हमारे पूरे भविष्य को उज्ज्वल और सफल बनाने की जिम्मेदारी लेते है।

शिक्षक हमारे जीवन में ज्ञान प्रदान करने के साथ एक जीवन को दिशा भी देते है। शिक्षक ज्ञान का स्रोत है। मैं प्रत्येक छात्र से अनुरोध करता हूं कि सभी छात्र शिक्षकों की सलाह का पालन करें और देश का एक अच्छा नागरिक बनें।

धन्यवाद।

------------------------------------------------------------------------------------------------------
आदरणीय प्रधानाध्यापक, सर, मैडम और मेरे प्यारे सहपाठियों को सुबह की नमस्ते

 जैसा कि हम सभी जानते हैं कि, आज हम यहाँ शिक्षक दिवस मनाने के लिए एकत्र हुए हैं। मैं .........कक्षा.... में पढ़ने वाला/वाली विद्यार्थी, शिक्षक दिवस पर अपने विचार रखना चाहता/चाहती हूँ। लेकिन, सबसे पहले मैं शिक्षक दिवस के महान अवसर पर भाषण देने का मौका देने के लिए अपनी कक्षा अध्यापिका को धन्यवाद कहना चाहता/चाहती हूँ। मेरे भाषण का विषय है, “हमारे जीवन में शिक्षक की इतनी महत्ता क्यों है”।

भारत में, विद्यार्थियों द्वारा शिक्षक दिवस हर साल 5 सितम्बर को मनाया जाता है। यह डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म दिवस है। उनका जन्म दिन उनके 1962 में भारत के राष्ट्रपति बनने के बाद के समय से, विद्यार्थियों के अनुग्रह पर शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाता है।

शिक्षक वास्तव में शिक्षा और विद्यार्थियों के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका को निभाते हैं। शिक्षक आमतौर पर उचित दृष्टि, ज्ञान और अनुभव वाले व्यक्ति बन जाते हैं। शिक्षकों का पेशा किसी भी अन्य पेशे से ज्यादा बड़ी जिम्मेदारियों वाला होता है। विद्यार्थियों और राष्ट्र की वृद्धि, विकास, और दोनों की भलाई पर शैक्षिक पेशा गहरा प्रभाव रखता है। मदन मोहन मालवीय के अनुसार (बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के संस्थापक), “एक बच्चा जो आदमी का पिता होता है, उसके मन को ढालना उसके शिक्षक पर बहुत अधिक निर्भर करता है। यदि वह देशभक्त है और देश के लिए समर्पित है और अपनी जिम्मेदारियों को समझता है, तो वह देशभक्त पुरुषों और महिलाओं की एक जाति को पैदा कर सकता है जो धार्मिकता से ऊपर देश को और सामुदायिक लाभ से ऊपर राष्ट्रीय लाभ को रखेंगे।”

शिक्षक की विद्यार्थियों, समाज और देश की शिक्षा में बहुत सारी महत्वपूर्ण भूमिकाएं हैं। लोग, समाज और देश का विकास एवं वृद्धि शिक्षा की गुणवत्ता पर निर्भर करता है, जो केवल अच्छे शिक्षक के द्वारा दी जाती है। देश में राजनेताओं, डॉक्टरों, इंजीनियरों, व्यापारियों, किसानों, कलाकारों, वैज्ञानिकों, आदि की जरुरत को पूरा करने के लिए अच्छी गुणवत्ता की शिक्षा बहुत आवश्यक है। समाज के लिए आवश्यक ज्ञान के लिए शिक्षक किताबों, लेखों, आदि के माध्यम से प्राप्त करने के लिए निरंतर कठिन परिश्रम करते हैं। वे अपने विद्यार्थियों को हमेशा दिशा-निर्देशित करते हैं और उन्हें अच्छे कैरियर के लिए रास्ता बताते हैं। भारत में ऐसे कई महान अध्यापक है जिन्होंने अपने आपको आने वाले शिक्षकों के लिए प्रेरणास्रोत के रुप में स्थापित किया है।

एक आदर्श शिक्षक को निष्पक्ष और अपमान से प्रभावित हुए बिना हर समय विनम्र रहना चाहिए। विद्यालय में सभी विद्यार्थियों के लिए शिक्षक अभिभावकों की तरह होते हैं। वे छात्रों के स्वास्थ्य और एकाग्रता के स्तर को बनाए रखने के लिए अपने सर्वश्रेष्ठ प्रयास करते हैं। वे अपने विद्यार्थियों के मानसिक स्तर में सुधार करने के लिए पढ़ाई से अलग अतिरिक्त पाठ्क्रम गतिविधियों में भाग लेने के लिए भी प्रोत्साहित करते हैं।

धन्यवाद।

-------------------------------------------------------------------------------------------------------------------
मेरे सभी सम्मानित शिक्षकों एवं प्यारे दोस्तों को मेरा प्रणाम।

आज इस अवसर पर अपने विचार रखना मेरे लिए वास्तव में सम्मान की बात है।

जैसा कि हम सभी जानते हैं, आज 5 सितंबर को हम सभी यहाँ शिक्षक दिवस मनाने के लिए एकत्र हुए हैं, डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस का स्मरण करते हुए जो एक महान शिक्षक, भारत के पहले उपराष्ट्रपति और देश के दूसरे राष्ट्रपति थे।

यह दिन छात्रों के द्वारा अपने शिक्षकों को उनके अविश्वसनीय समर्थन और मार्गदर्शन के लिए धन्यवाद देने हेतु पूरे देश में मनाया जाता है।

ये बताने की जरूरत नहीं है कि माता-पिता एक बच्चे को जन्म देते हैं, जबकि शिक्षक शिक्षा के माध्यम से उस बच्चे को आदर्श नागरिक बनाने में प्रमुख भूमिका निभाते हैं।

यह सच है कि शिक्षक ज्ञान और बुद्धिमता का स्रोत होते हैं। वे हमारा मार्गदर्शन करते हैं ताकि हम अपने कौशल को विकसित कर सकें। वे हमारी क्षमता का पता लगाने में हमारी मदद करते हैं।

हम उनके प्रयासों को नजरअंदाज नहीं कर सकते। अतः मैं अपने भाषण के अंत में कहना चाहूँगा की हमें शिक्षकों का हमेशा सम्मान करना चाहिए और उनकी मेहनत की कदर करनी चाहिए।”

धन्यवाद।


 

अगली खबर