नई दिल्ली: कोरोना संकट के इस दौर में असम से एक ऐसी तस्वीर सामने आई है जो बहुत कुछ सोचने को मजबूर करती है यहां एक बहू ने कोरोना पीड़ित ससुर को अस्पताल पहुंचाने के लिए कोई सवारी नहीं मिलने पर अपनी पीठ पर लादकर पहुंचाने का फैसला किया क्योंकि मदद के लिए कोई आगे नहीं आया तो उसके सामने इसके अलावा और कोई चारा नहीं था।
गौर हो कि अपने कोरोना पॉजिटिव ससुर को पीठ पर लादकर ले जाती महिला की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, लेकिन इसके पीछे का दर्द गहरा है, असम की रहने वालीं निहारिका दास को अपने बुजुर्ग ससुर को इस तरह पीठ पर लादकर इसलिए ले जाना पड़ा क्योंकि कोई उनकी मदद करने आगे नहीं आया तो उस वक्त उसे वो ही रास्ता नजर आया।
लेकिन किसी ने इस घटना की फोटो सोशल मीडिया पर जरूर डाल दी ये तस्वीर राज्य के सिस्टम पर तो सवाल उठा ही रही है साथ ही लोगों की मदद ना करने के व्यवहार को भी सामने ला रही है कि मुसीबत के वक्त कोई आगे नहीं आता।
असम की रहने वाली निहारिका दास के ससुर अचानक बीमार पड़ गए कोरोना के लक्षण दिखने के बाद निहारिका उनको अस्पताल ले जाने का फैसला किया, लेकिन कोई सवारी नहीं मिली तो निहारिका ने अपनी पीठ पर लादा और करीब दो किलोमीटर का सफर तय कर रिक्शा स्टैंड तक पहुंची वहां से वो उन्हें अस्पताल लेकर पहुंची।
जांच के बाद स्वास्थ्य केंद्र ने उसे कोविड सेंटर ले जाने के लिए कहा कोविड सेंटर 21 किलोमीटर दूर ले जाने के लिए एंबुलेंस भी नहीं मिली वह एक प्राइवेट गाड़ी किराए पर ली उनको लेकर कोविड सेंटर पहुंचाया, गौर हो कि निहारिका के पति सिलिगुड़ी में नौकरी करते हैं और उस वक्त वो अकेली थी।
इस दौरान निहारिका खुद कोरोना पाजिटिव हो गई है बाद में उसके ससुर की भी तबियत खराब हो गई और उन्हें बचाया नहीं जा सका उनकी भी मौत हो गई लेकिन ये घटना अपने पीछे कई सवाल छोड़ गई है जिसके जबाव किसी के पास नहीं है।