अब कपड़ों से तैयार होगी बिजली, IIT खड़गपुर के शोधकर्ताओं ने ईजाद की ये अनोखी तकनीक

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Updated Nov 04, 2019 | 08:31 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

IIT खड़गपुर के शोधकर्ताओं ने बिजली पैदा करने की एक नई तकनीक का ईजाद किया है। सूखे कपड़ों की मदद से जानिए किस तरह से उन्होंने बिजली पैदा करने का दावा किया है।

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कपड़े से बिजली का उत्पादन  |  तस्वीर साभार: ANI

पश्चिम बंगाल : आईआईटी खड़गपुर के शोधकर्ताओं ने कहा है कि उन्होंने बिजली पैदा करने की तकनीक का ईजाद किया है। खुली जगह पर सूखने वाले कपड़ों की मदद से उन्होंने बिजली पैदा करने की तकनीक के ईजाद करने का दावा किया है। प्रोफेसर सुमन चक्रबर्ती ने कहा कि हालांकि ये तकनीक बड़ी स्केल के उपयोग में आने के लिए नहीं है लेकिन यह ग्रामीण इलाकों के लोगों की जीवन में बड़ा बदलाव अवश्य लाएगा।

प्रोफेसर चक्रबर्ती ने बताया कि कपड़े सेलुलस फाइबर के बने होते हैं जिससे उनमें करंट पैदा होता है। अगर आप कपड़े के एक टुकड़े को नमक के घोल में डुबोया जाता है, तो इससे निकलने वाला करंट फाइबर में दौड़ता है, यह काफी देर तक लगातार अच्छी खासी वोल्टेज में बिजली देता है। इसे किसी बाहरी रजिस्टर से जोड़ा जाता है तो यह बिजली देता है।

प्रोफेसर चक्रबर्ती ने बताया कि हमने इस तकनीक का इस्तेमाल धोबी घाट पर करने का फैसला किया है जहां पर बड़ी संख्या में कपड़े सुखाए जाते हैं। बता दें कि अगर ये तकनीक कामयाब हो जाती है तो बिजली से मरहूम ग्रामीण इलाकों के लोगों को इससे काफी फायदा मिल सकता है। इसके लिए इन्होंने पहले प्रयोग किया था।

अपने प्रयोग में इन्होंने कपड़ों को पहले सुपर कैपासिटर से जोड़ा था। डिवाइस प्राकृतिक वाष्पीकरण के माध्यम से नमक आयनों के साथ प्रतिक्रिया कर करंट पैदा करता है। शोधकर्ताओं की टीम ने 24 घंटे में 10 वोल्ट बिजली पैदा की थी।

उन्होंने बताया कि इतनी बिजली से एक एलईडी बल्ब को एक घंटे तक रौशन किया जा सकता है। हालांकि ये प्रक्रिया उन जगह पर अपनाई जा सकती है जहां का वातावरण गर्म और सूखा हो, जहां प्राकृतिक वाष्पीकरण की प्रक्रिया तेजी से हो सके। 

 

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