नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में जहां भारतीय सेना चीन के नापाक मंसूबों को अंजाम तक नहीं पहुंचने दे रही है, वहीं दूसरी तरफ सिक्किम में उसने मानवता का उदाहरण पेश किया है। भारतीय सेना ने उत्तरी सिक्किम के सीमाई क्षेत्र में 17,500 फीट की ऊंचाई पर रास्ता भटक चुके तीन चीनी नागरिकों की मदद की। उन्हें भोजन, गरम कपड़े और चिकित्सा सहायता प्रदान की। क्षेत्र में तैनात सैन्यकर्मियों ने बुधवार को शून्य से नीचे के तापमान के बीच एक महिला समेत तीनों चीनी नागरिकों को चीन की तरफ लौटने और अपने गंतव्य तक पहुंचने में मदद की।
सेना ने कहा, 'शून्य से नीचे के तापमान के दौरान चीनी नागरिकों का जीवन खतरे में देखकर भारतीय सेना के जवान तुरंत वहां पहुंचे और ऑक्सीजन, भोजन और गर्म कपड़े समेत चिकित्सा सहायता उन्हें प्रदान की। भारतीय सैनिकों ने उन्हें गंतव्य तक पहुंचने के लिए उचित मागदर्शन भी किया जिसके बाद वे लौट गए। सेना ने कहा कि तुरंत सहायता प्रदान करने के लिए चीनी नागरिकों ने भारत और भारतीय सेना का आभार प्रकट किया।
इस नेक काम के लिए लोग जमकर भारतीय सेना की तारीफ कर रहे हैं। कई लोगों ने कहा कि इसलिए तो हमें सेना पर गर्व है। एक यूजर ने लिखा, 'तभी तो हमारा हिंदुस्तान महान है और हमारे देश की सेना भी क्योंकि हमारे देश में और हमारे देश के सैनिकों के दिलों में मानवता सर्वोपरि होती है।' एक यूजर ने लिखा, 'यही फर्क है हमारी सेना और दुश्मन की सेना में। ये Indian Army है जो दुश्मनी में भी एक शराफत रखती है। गर्व है हमें हमारी सेना पर।'
एक अन्य शख्स ने लिखा, 'एक तरफ हमारी सेना चाइना के आम लोगों की मदद कर रही है, वहीं दूसरी तरफ खबर आ रही है कि अरूणाचल से 5 आम भारतीयों को चीन की आर्मी ने अगवा कर दिया है। यही है शिक्षा कि आपने लाइफ में क्या सीखा है आपका परिवार जो प्रथम पाठशाला है वहां पर आपको क्या सिखाया गया। वीर कभी कमजोर पर वार नही करते।' एक और ने लिखा कि हमारी सेना के मानवीय जज्बे को सलाम। लेकिन हमारे जो सैनिक इन चीनी नागरिकों के संपर्क में आए हैं उनके स्वास्थ्य पर पूरी नजर और सतर्कता बरती जानी चाहिए। दुश्मन के रूप अनेक। ये कोरोना को एक अवसर के तौर पर ले रहे हैं। इनसे सावधानी जरूरी।