अंतर्राष्ट्रीय मानव एकजुटता दिवस 2020: विविधता में एकता के जश्‍न को दर्शाता एक दिन

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Updated Dec 20, 2020 | 05:45 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

अंतरराष्‍ट्रीय मानव एकजुटता दिवस हर साल 20 दिसंबर को मनाया जाता है। इसका मकसद गरीबी उन्मूलन सहित सतत विकास के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए एकजुट प्रयासों को बढ़ावा देना है।

अंतर्राष्ट्रीय मानव एकजुटता दिवस 2020: विविधता में एकता के जश्‍न को दर्शाता एक दिन
अंतर्राष्ट्रीय मानव एकजुटता दिवस 2020: विविधता में एकता के जश्‍न को दर्शाता एक दिन 

नई दिल्‍ली : दुनियाभर में आज अंतर्राष्ट्रीय मानव एकजुटता दिवस मनाया जा रहा है। वैश्विक विविधता के बीच एकजुटता का संदेश देने वाला यह दिन हर साल 20 दिसंबर को मनाया जाता है। यह दिन कई मायनों में खास है। यह विविधता में हमारी एकता का जश्न मनाने का दिन है तो अंतरराष्ट्रीय समझौतों के लिए अपनी प्रतिबद्धताओं का सम्मान करने के लिए सरकारों को याद दिलाने का दिन भी है।

यह एकजुटता के महत्व के बारे में सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाने वाला दिन है तो गरीबी उन्मूलन सहित सतत विकास के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए एकजुटता को बढ़ावा देने के तरीकों पर बहस को प्रोत्साहित करने और गरीबी उन्मूलन के लिए नई पहल को प्रोत्साहित करने के लिए कार्रवाई को समर्पित एक दिन भी है। विविधता में एकता के महत्व को समझाने के लिए संयुक्त राष्ट्र ने 22 दिसंबर 2005 को यह दिवस मनाने की घोषणा की थी।

20 दिसंबर को मनाया जाता है यह दिवस

संयुक्‍त राष्‍ट्र की 2005 की घोषणा के बाद हर साल 20 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय मानव एकजुटता दिवस के तौर पर मनाया जाता है। इस वैश्विक संस्‍था का कहना है कि एकजुटता की अवधारणा हमेशा से संगठन का एक निर्णायक हिस्सा रही है। सदस्‍य राष्‍ट्रों के बीच एकता और सद्भाव संयुक्‍त राष्‍ट्र के गठन का मूल आधार है, जो सामूहिक सुरक्षा की अवधारणा से भी परिलक्षित होती है। अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए भी सदस्‍य राष्‍ट्रों की एकजुटता बेहद जरूरी है।

अंतरराष्ट्रीय मानव एकजुटता दिवस सतत विकास एजेंडा पर आधारित है, जो गरीबी, भूख और बीमारी जैसी कई दुर्बलताओं से लोगों को बाहर निकालने के लक्ष्‍य पर केंद्रित है। इस उद्देश्‍य से संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 20 दिसंबर, 2002 को विश्व एकजुटता कोष की स्थापना की थी, जिसे फरवरी 2003 में यूएन विकास कार्यक्रम के लिए ट्रस्ट फंड के रूप में स्थापित किया गया। इसका मकसद गरीबी पर अंकुश लगाना और विकासशील देशों में मानवीय व सामाजिक विकास को बढ़ावा देना है।

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