ISRO Gaganyaan Mission: इडली से लेकर हलवा तक, भारत के अंतरिक्ष यात्री स्पेस में खाएंगे ये खाना

ISRO astronauts food for Space mission Gaganyaan: भारत की फूड रिसर्च लेबोरेटरी ने इसरो के मिशन गगनयान के लिए खाना तैयार किया है जो भारतीय अंतरिक्ष यात्री स्पेस में खाएंगे।

Indian astronauts eating in space
अंतरिक्ष में भारतीय अंतरिक्षयात्रियों का खाना  |  तस्वीर साभार: ANI
मुख्य बातें
  • दिसंबर 2021 में मिशन गगनयान को लॉन्च करने की तैयारी में इसरो
  • मैसूर स्थित फूड रिसर्च लेबोरेटरी ने ISRO अंतरिक्षयात्रियों के लिए तैयार किया मेन्यू
  • रूस में तीसरे सप्ताह में शुरु होगी भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों की ट्रेनिंग

नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) दिसंबर 2021 में अपने मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान के तहत अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजने की तैयारी कर रहा है। रूस में भारत के अंतरिक्ष यात्रियों की मिशन के लिए ट्रेनिंग शुरु होने वाली है और इस बीच मैसूर में रक्षा खाद्य अनुसंधान प्रयोगशाला (फूड रिसर्च लेबोरेटरी) में इन अंतरिक्षयात्रियों के लिए विशेष खाना और तरल पैकेज तैयार किए हैं जो वह अंतरिक्ष में खाएंगे और पीएंगे।

एएनआई के एक ट्वीट के अनुसार, 'अंतरिक्ष यात्रियों के लिए मेन्यू में एग रोल, वेज रोल, इडली, मूंग दाल हलवा और वेज पुलाव शामिल हैं। मंत्रालय ने अंतरिक्ष यात्रियों को भोजन के हीटर के साथ तरल पदार्थ पीने में मदद करने के लिए पानी और रस के लिए विशेष कंटेनरों की भी व्यवस्था की है।'

अंतरिक्ष एजेंसी के अनुसार, भारत दिसंबर 2021 तक इंसानी मिशन अंतरिक्ष में भेजने के अपने लक्ष्य को पूरा करेगा। गगनयान एक चालक दल को ले जाने में सक्षम अंतरिक्ष यान है जो कम से कम सात दिनों के लिए तीन अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में ले जाने की क्षमता के साथ तैयार किया जा रहा है। इस परियोजना की घोषणा पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने 2018 के स्वतंत्रता दिवस भाषण के दौरान की थी।

भारत के अंतरिक्षयान में एक कक्षा वाला मॉड्यूल लगे होने की संभावना है जिसमें सेवा और चालक दल का मॉड्यूल होगा। मिशन पर लगभग 10,000 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। इसरो के अध्यक्ष ने बताया कि उन्होंने चार अंतरिक्ष यात्रियों की पहचान की है और उनका प्रशिक्षण 2020 में जनवरी के तीसरे सप्ताह से रूस में शुरू होगा।

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