मध्य प्रदेश का छतरपुर जिला इन दिनों चर्चा में है, वैसे तो यह जिला गर्मियों की दस्तक के साथ पीने के पानी की वजह से चर्चा में रहता है। लेकिन इस समय चर्चा की वजह कुछ और नहीं बल्कि कुत्ता भंडारा भोज है। अब इस आयोजन को सुनकर चौंकना लाजिमी है। लेकिन सच यही है कि आवारा कुत्तों को भोज दिया और यह कार्यक्रम सुर्खियों में है। आवारा कुत्तों के लिए रोटी, पूरी, सब्जी और सूजी का हलवा दिया गया था।
आयोजक का दिलचस्प तर्क
भंडारे का घनश्यान पटेल नाम के शख्स से आयोजन किया था। जब उनसे पूछा गया कि कुत्तों को भंडारा देने के पीछे कोई खास प्रयोजन था तो उस सवाल का जवाब भी बहुत प्यारा था। उन्होंने कहा कि पहली बात तो यह है कि लोग बेजुबानों को खास तवज्जो नहीं देते हैं और बात अगर आवारा कुत्तों की हो तो उन्हें कोई नहीं पूछता है। उन्हें आवारा कुत्तों की बेबसी देखी नहीं जाती थी, लिहाजा उन्होंने आवारा कुत्तों के लिए भोज का आयोजन किया था। यही नहीं उन्होंने अपील भी की थी कि अगर किसी के इलाके में आवारा कुत्ते हों तो उन्हें जरूर भंडारे का हिस्सा बनाएं।
भंडारे का सिलसिला जारी रहेगा
इस भंडारे के लिए बाकायदा होर्डिंग भी बनवाई गई। उस होर्डिंग पर आयोजक घनश्यान पटेल और उनकी पत्नी की फोटो लगी थी। जब उनसे पूछा गया कि क्या यह पहला और आखिरी भंडारा होगा तो उस सवाल के जवाब में कहा कि नहीं वो इस सिलसिले को आगे भी जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें बेजुबानों से खास लगाव है और वो यह भोज, दावत का काम खुद मशहूर बनाने के लिए नहीं कर रहे हैं।