7 महीने तक हर दिन 10 घंटे नहाता रहा शख्स, पत्नी ने दिया तलाक- हुआ ये हाल

पति की घंटों तक नहाने की अजीब आदत की वजह से शख्स की पत्नी ने उसे 3 महीने बाद तलाक दे दिया। शख्स रोजाना 10 घंटे तक नहाता था।

Man 10 hours bathing every day for 7 months
प्रतीकात्मक तस्वीर  |  तस्वीर साभार: Representative Image

बेंगलुरु: आपको शॉवर लेने या आम तौर पर नहाने में कितना समय लगता है? 10 मिनट से एक घंटे के बीच कोई भी समय माना जा सकता है। एक शोध के अनुसार, औसत तौर पर किसी व्यक्ति के नहाने का समय 19.5 मिनट है। इस बीच जाहिर है दिनचर्या और मौसम के हिसाब से कौन सा व्यक्ति कब कितनी देर नहाता है, यह बात प्रभावित हो सकती है।

लेकिन हम बेंगलुरु आईटी क्षेत्र में काम करने वाले जिस कर्मचारी की यहां बात कर रहे हैं, उसका नहाने का जुनून कुछ अलग ही है। मानो या न मानो, शख्स 7 महीने के लिए हर दिन 10 घंटे नहा रहा था। उनके दैनिक खर्चों में बड़ी मात्रा में पानी, एक दर्जन प्लास्टिक बैग और साबुन की तीन टिकियां शामिल थीं।

ऑब्सेसिव-कम्पल्सिव डिसऑर्डर (OCD) की वजह से शख्स की नहाने की आदत से परेशान होकर उसका परिवार उसे मनोचिकित्सक के पास ले गया।

खबरों के मुताबिक, जब वह इलाज के लिए हाल ही में एक क्लीनिक में दाखिल हुआ तो इस दौरान उसकी सूखी त्वचा, नाखूनों के नीचे जमाव और बालों ने लोगों का ध्यान आकर्षित किया। पीपल ट्री अस्पताल के एक वरिष्ठ मनोचिकित्सक ने डेक्कन हेराल्ड को बताया कि शख्स नहाने का जुनूनी था क्योंकि उसे डर था कि वह संक्रमण के संपर्क में आ सकता है।

डॉ. सतीश रमैया ने अखबार को बताया, 'उनका दिन नहाने से शुरु और खत्म होता था। उसने बाथरूम में प्रतिदिन 10 घंटे से ज्यादा समय बिताया। उसने यह सब एक डर से किया था कि अगर वह उस तरह की स्वच्छता नहीं रखता है तो संक्रमण के संपर्क में आ सकता है।'

डॉक्टर ने कहा कि शख्स का नहाना सुबह से पहले शुरु हो जाता था। इसके अलावा शाम के स्नान में भी चार घंटे का समय देता था। शख्स ने डॉक्टर को बताया कि वह बाथरूम का दरवाजा खोलने, साबुन उठाने और शॉवर व अन्य नलों को खोलने के लिए प्लास्टिक के दस्ताने का इस्तेमाल करता था।

इस दौरान उनकी पत्नी इस आदत से परेशान हो गई और मां अवसाद से पीड़ित होने लगी। डॉक्टर ने बताया कि तीन महीने तक अजीब आदत बने रहने के बाद अंतत: शख्स को तलाक का सामना करना पड़ा। डॉक्टर ने कहा कि फिलहाल इलाज किया जा रहा है लेकिन पीड़ित की हालत स्थिति तनाव से खराब हो सकती है।

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