180 साल जीने का फॉर्मूला! लाइफस्‍टाइल गुरु का दावा- जल्‍द घर-घर मशहूर होगा उम्र बढ़ाने का ये तरीका

एक अमेरिकी अरबपति ने 180 साल जीने का फॉर्मूला ढूंढ निकालने का दावा किया है। उनका कहना है कि यह तकनीक जल्‍द-घर में लोकप्रिय होगी।

180 साल जीने का फॉर्मूला! लाइफस्‍टाइल गुरु का दावा- जल्‍द घर-घर मशहूर होगा उम्र बढ़ाने का ये तरीका
180 साल जीने का फॉर्मूला! लाइफस्‍टाइल गुरु का दावा- जल्‍द घर-घर मशहूर होगा उम्र बढ़ाने का ये तरीका  |  तस्वीर साभार: Twitter

नई दिल्‍ली : कौन नहीं चाहता लंबी उम्र। हर आदमी की ख्‍वाहिश होती है कि वह अधिक से अधिक जिए। लेकिन जीवन और मृत्‍यु अपने हाथ में नहीं है, यही हम अरसे से सुनते आ रहे हैं। पर अमेरिका के मशहूर लाइफस्टाइल उद्यमी डेव स्‍प्रे का मानना है कि स्‍टेम सेल्‍स उम्र बढ़ाने में मददगार हो सकते हैं। इसके लिए वह खुद अपने शरीर में स्‍टेम सेल्‍स डलवाने की प्रक्रिया में जुटे हैं, जबकि उनका यह भी कहना है कि उम्र बढ़ाने उनका यह तरीका जल्‍द ही घर-घर में लोकप्रिय हो जाएगा।

अमेरिका के इस अरबपति कारोबारी का मानना है कि अपने शरीर में स्‍टेम सेल्‍स डलवाकर वह 180 वर्षों तक जिंदा रह सकेंगे और यह तकनीक आनेवाले वर्षों में घर-घर में उसी तरह लोकप्रिय हो जाएगी, जैसे आज मोबाइल फोन हो चुका है। डेव की उम्र इस वक्‍त 47 साल है और उनका मानना है कि इस तकनीक को अपनाने के बाद वह कम से कम 2153 तक जीवित रह पाएंगे।

लंबी उम्र के लिए करोड़ों खर्च कर रहे हैं डेव

इसके लिए वह अपने ही स्‍टेम सेल्‍स को निकालकर दोबारा अपने शरीर में डलवाने की प्रक्रिया में जुटे हैं और इस लाखों रुपये खर्च कर रहे हैं। इस तरीके को उन्‍होंने 'बायोहैकिंग' नाम दिया है और उनका कहना है कि लंबी उम्र हासिल करने के लिए वह कोल्‍ड क्रायोथेरेपी चैंबर का इस्‍तेमाल करने के साथ-साथ कुछ समय तक उपवास भी रखते हैं।

यह बेहद खर्चीली मेडिकल प्रक्रिया है, जिसमें एक सेशन पर करीब 25,000 डॉलर (लगभग 18 लाख रुपये) का खर्च आता है। उनका अनुमान है कि इस प्रक्रिया को अपनाए जाने के बाद कोई भी इंसान 100 साल की उम्र में भी खुद को अधिक ऊर्जावान व खुशहाल महसूस करेगा। उनका मानना है कि 40 वर्ष के बाद शरीर में स्‍टेम सेल्‍स रि-इंजेक्‍ट करवाया जाना चाहिए।

अपने ही शरीर में दोबारा स्‍टेम सेल्‍स डलवाने के बारे में उनका कहना है कि युवावस्‍था में आपके शरीर में की स्‍टेम सेल्‍स होते हैं, जो शरीर को ऊर्जावान बनाए रखने में मदद करते हैं, लेकिन बढ़ती उम्र के साथ ये कम होने लगते हैं, जिससे शारीरिक क्षमता कमजोर होती चली जाती है। लेकिन इस तकनीक को अपनाने के बाद इंसान बढ़ती उम्र में भी अधिक ऊर्जावान महसूस करेगा। 

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