रेलवे स्टेशन बोर्ड पर आखिर ‘समुद्र तल से ऊंचाई’ क्यों लिखा होता है? आज जान लें इसका मतलब

जब कभी आप यात्रा पर निकलते हैं तो सबसे पहले स्टेशन पर पहुंचते हैं। लेकिन, क्या आपने रेलवे स्टेनन पर लगे बोर्ड पर ध्यान दिया है? उस बोर्ड पर केवल स्टेशन का नाम ही नहीं लिखा होता है बल्कि समुद्र तल से ऊंचाई जैसे 400 मीटर, 310 मीटर, 150 मीटर आदि लिखा होता है। लेकिन, कभी सोचा है कि आखिर समुद्र तल से ऊंचाई क्यों लिखा होता है?

Meaning of sea level mentioned on railway station board know about it
रेलवे स्टेशन 
मुख्य बातें
  • रेलवे स्टेशन से लेकर ट्रेन तक में कई अहम जानकारियां होती हैं
  • कभी सोचा है कि रेलवे स्टेशन बोर्ड पर आखिर समुद्र तल से ऊंचाई क्यों लिखा होता है?
  • ट्रेन ड्राइवर और गार्ड के लिए इसमें अहम जानकारी होती है

भारत में ज्यादातर लोग ट्रेन से सफर करते हैं। क्योंकि, यहां दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। सफर के दौरान आपको कई ऐसी चीजें देखने को मिल जाती है, जिनके बारे में आपको जानकारी नहीं होती है। रेलवे स्टेशन से लेकर ट्रेन तक में कई अहम जानकारियां होती हैं, जिनका सीधा मतलब लोगों को समझ में नहीं आता है। लेकिन, ये चीजें बड़ी काम की होती हैं। ऐसे में आज हम आपको रेलवे स्टेशन के बारे में एक ऐसी जानकारी देने जा रहे हैं, जिसे आप देखते तो जरूर होंगे लेकिन हो सकता है मतलब नहीं समझते होंगे।

जब कभी आप यात्रा पर निकलते हैं तो सबसे पहले स्टेशन पर पहुंचते हैं। लेकिन, क्या आपने रेलवे स्टेनन पर लगे बोर्ड पर ध्यान दिया है? उस बोर्ड पर केवल स्टेशन का नाम ही नहीं लिखा होता है बल्कि समुद्र तल से ऊंचाई जैसे 400 मीटर, 310 मीटर, 150 मीटर आदि लिखा होता है। लेकिन, कभी सोचा है कि आखिर समुद्र तल से ऊंचाई क्यों लिखा होता है? इसका मतलब क्या होता है? क्या ये यात्रियों की जानकारी के लिए लिखा होता है या फिर इसके पीछे का कारण कुछ और है? अगर नहीं जानते हैं तो जरूर जान लीजिए। 

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दरअसल, पूरी दुनिया को पृथ्वी की सतह से नापने के लिए एक प्वाइंट की जरूरत थी, जो हमेशा एक जैसा रहे। लिहाजा, इसके लिए समुद्र से बेहतर ऑप्शन कुछ नहीं था। वैज्ञानिकों को भी दुनिया की एक समान ऊंचाई नापने के लिए एक ऐसे प्वाइंट की जरूरत होती है, जो एक समान रहे। इसके लिए उन्हें भी समुद्र से बेहतर विकल्प कुछ नहीं दिखा। इतना ही नहीं एमएसएल की मदद से ऊंचाई की गणना करना बेहद आसान है। क्योंकि, समुद्र या फिर समुद्र का पानी हमेशा एक समान रहता है। सिविल इंजीनियरिंग में भी ज्यादातर MSL का ही इस्तेमाल किया जाता है। इसलिए स्टेशन पर 'समुद्र तल से ऊंचाई' का इस्तेमाल किया जाता है।      

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ट्रेन ड्राइवर और गार्ड के लिए होती है ये जानकारी

अब आपके मन में ये भी सवाल उठ रहा होगा कि क्या ये जानकारी यात्रियों के लिए होती है या फिर किसी और के लिए? तो हम आपको बता दें कि ये जानकारी यात्रियों के लिए नहीं बल्कि ड्राइवर और ट्रेन के गार्ड के लिए होती है। क्योंकि, अगर कहीं लिखा है कि 200 मीटर समुद्र तल की ऊंचाई या फिर 150 मीटर समुद्र तल की ऊंचाई तो इसका मतलब ये है कि ट्रेन उतनी ऊंचाई पर जा रही है और ड्राइवर आसानी से यह निर्णय ले सकता है कि इतनी अधिक चढ़ाई को चढ़ने के लिए उसे कितने torque की जरुरत पड़ेगी। मतलब ये कि इंजन को कितनी पॉवर देनी पड़ेगी। वहीं, जब नीचे की ओर जाएगी तो ड्राइवर को पता चल जाता है कि कितना फ्रिक्शन लगाना पड़ेगा और ड्राइवर को कितनी स्पीड रखने की जरूरत है। लिहाजा, सभी स्टेशन पर इन सब जानकारी के लिए 'समुद्र तल से ऊंचाई'  का इस्तेमाल किया जाता है। 

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