नई दिल्ली: लॉकडाउन में दिलो-दिमाग को झकझोरने वाली लगातार दुखद खबरें आ रही हैं। लॉकडाउन मजदूरों के लिए परेशानियों का सबब बनता जा रहा है। रोजी-रोटी के लिए अन्य राज्यों में काम करने वाले मजदूर घरों की ओर जाने के लिए जद्दोजेहद करते दिखाई दे रहे हैं। घर वापसे जाते समय मजदूर तमाम तरह की दिक्कतों का सामने करने को मजबूर हैं। मजदूरों पर कई सौ किलोमीटर पैदल चलने के साथ-साथ हादसे का शिकार होने का भी खतरा मंडरा रहा है। इस बीच मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले में इंसानियत और भाईचारे की एक अनोखी मिसाल देखने को मिली। यहां ट्रक में सवार अमृत नाम के मजदूर की तबीयत अचानक बिगड़ गई, जिसके बाद दूसरी सवारियों ने उसे सड़क किनारे उतरवा दिया। हालांकि, मुश्किल हालात में मोहम्मद याकूब ने अपने दोस्त का साथ नहीं छोड़ा और आखिरी सांस तक अमृत के साथ रहा।
सवारियों को सताया कोरोना का डर
23 वर्षीय याकूब और 24 वर्षीय अमृत गुजरात के सूरत स्थित फैक्ट्री में मशीन से कपड़ा बुनने का काम करते थे। लॉकडाउन के कारण फैक्ट्री बंद हो गई। दोनों अन्य मजदूरों के साथ सूरत से ट्रक में 4-4 हजार रुपए किराया देकर नासिक, इंदौर होते हुए कानपुर लौट रहे थे। अमृत उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले का रहने वाला था। ट्रक जब मध्य प्रदेश के शिवपुरी-झांसी फोरलेन से गुजर रहा था, उसी समय अमृत की तबीयत अचानक खराब हो गई। ट्रक में सवार बाकी लोगों को लगा कि अमृत को कोरोना है। इसी आशंका के मद्देनजर उसे ट्रक से उतार दिया गया। सवारियों को अहसास नहीं हुआ कि अमृत परेशानी में कहां जाएगा। ऐसे में याकूब अपने दोस्त की मदद को आगे आया और ट्रक से उतर गया।
अमृत ने अस्पताल में दम तोड़ा
अमृत को तेज बुखार था और उसे उल्टी जैसी लग रहा था। हालांकि अमृत को उल्टियां नहीं हुईं। याकूब ने ट्रक से उतारने के बाद अमृत की बेहोशी की हालत को देखते हुए उसका सिर अपनी गोद में रख लिया। लोगों ने देखा तो उनकी मदद की। याकूब लोगों की मदद से अमृत को लेकर जिला अस्पताल तक पहुंचा। अमृत की हालत गंभीर थी, इसलिए डॉक्टरों ने उसे फौरन वेंटीलेटर पर रख दिया। मगर इलाज के दौरान अमृत ने दम तोड़ दिया। मृतक अमृत और उसके साथी का कोरोना टेस्ट कराया गया है। डॉक्टर रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं।