यहां 'दामाद' को गधे पर बिठाकर घुमाया जाता है, पहनाए जाते हैं पसंदीदा कपड़े

दामाद को खासा सम्मान दिया जाता है वहीं होली के मौके पर बीड में एक सालों पुरानी परंपरा के तहत दामाद को गधे पर बिठाकर घुमाया जाता है,इसका इंतजार लोग खासतौर पर करते हैं।

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विडा गांव में गधे की सवारी देखने का इंतजार आसपास और दूरदराज के सभी निवासियों को रहता है (प्रतीकात्मक फोटो) 
मुख्य बातें
  • महाराष्ट्र के बीड जिले के एक गांव में नब्बे साल पुरानी होली की परंपरा को जीवित रखा गया है
  • गांव के 'सबसे नए दामाद' को गधे पर बिठाकर घुमाया गया 
  • इस परंपरा के बाद उसे उसकी पसंद के कपड़े भी पहनाए गए

औरंगाबाद: भारत में वैसे तो दामाद ( son-in-law) का रिश्ता बेहद खास माना जाता है और उसे भरपूर सम्मान दिया जाता है वहीं भारतीय समाज की परंपराएं भी अनूठी हैं और उसके लिए कई तरीके के अजीबोगरीब काम भी किए जाते हैं। महाराष्ट्र के बीड जिले के एक गांव में नब्बे साल पुरानी होली की परंपरा को जीवित रखते हुए मंगलवार को लोगों ने गांव के 'सबसे नए दामाद' को गधे पर बिठाकर घुमाया और उसके बाद उसे उसकी पसंद के कपड़े पहनाए गए।

बीड की केज तहसील के विडा गांव में होली के दिन गधे की सवारी देखने का इंतजार आसपास और दूरदराज के सभी निवासियों को रहता है। एक स्थानीय पत्रकार ने कहा, 'गांव के सबसे नए दामाद को चुना जाता है जिसमें तीन से चार दिन लग जाते हैं। इसके बाद गांव वाले उस पर नजर रखते हैं ताकि होली के दिन वह भाग न जाए। इस साल विडा गांव में (गधे पर घूमने का) यह सम्मान दत्तात्रेय गायकवाड़ को प्राप्त हुआ।'

गांव के एक निवासी ने बताया कि यह परंपरा गांव के एक प्रतिष्ठित निवासी आनंदराव देशमुख द्वारा नब्बे साल पहले शुरू की गई थी।देथे ने कहा, 'परंपरा आनंदराव के दामाद से शुरू हुई थी और तभी से चली आ रही है। जब मैं यहां शादी कर के आया था तब मुझे भी गधे पर घुमाया गया था।'

गधे की सवारी गांव के मध्य क्षेत्र से शुरू होती है और हनुमान मंदिर पर सुबह 11 बजे समाप्त होती है जहां गांव के लोग सवारी करने वाले को उसकी पसंद के कपड़े देते हैं।

 

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