बेहद ऐतिहासिक है ये तस्वीर, मिजोरम के डंपा टाइगर रिजर्व में बाघ होने का सबूत मिला, क्या आप देख सकते हैं?

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Updated Jun 16, 2021 | 17:26 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

मिजोरम के डंपा टाइगर रिजर्व से एक ऐतिहासिक तस्वीर सामने आई है। इस फोटो में एक छिपे हुए टाइगर को देखा गया है। ये तस्वीर खूब वायरल हो रही है। हालांकि इसमें टाइगर को देख पाना आसान नहीं है।

Dampa Tiger Reserve
डंपा टाइगर रिजर्व में बाघ 

सही मौके पर एक खास एंगल से ली गई तस्वीर चीजों को बहुत दिलचस्प बना सकती है। और अगर इसमें कोई घातक शिकारी हो, तो इसके वायरल होने की संभावना है। मिजोरम के डंपा टाइगर रिजर्व से एक खास फोटो सामने आया है। तस्वीर को हाल ही में सैंक्चुअरी एशिया द्वारा इंस्टाग्राम पर शेयर किया गया। पोस्ट में लिखा है: 'आप एक ऐतिहासिक छवि देख रहे हैं।' ये वन क्षेत्र की ब्लैक एंड व्हाइट फोटो है। लेकिन यह वास्तव में एक ऐतिहासिक फोटो है जिसमें एक टाइगर को देखा गया है। 

पोस्ट में बताया गया है कि डंपा टाइगर रिजर्व में सात साल में बाघ का यह पहला फोटोग्राफिक रिकॉर्ड है। लेकिन हो सकता है कि इसे तुरंत न देख पाएं। आपको इसे देखने के लिए तस्वीर पर अच्छे से गौर करना होगा। 

टाइगर के होने की पुष्टि हुई

पोस्ट में बताया गया है कि इस तस्वीर को कैद करने वाला कैमरा ट्रैप जखुमा डॉन नाम के वन रक्षक ने रखा था। डॉन ने कैमरे को तीन महीने के लिए जंगल में छोड़ दिया और मई में इसे वापस ले लिया। जब वो तस्वीरों को देख रहे थे तो उन्होंने देखा कि इसमें एक बाघ की फोटो आ गई है। पोस्ट में लिखा है, 'जखुमा ने फरवरी 2021 में कैमरा ट्रैप लगाया और तीन महीने बाद मई के मध्य में इसे वापस ले लिया। तस्वीरों को देखते समय उन्हें टाइगर की तस्वीर मिली और इसे पुष्टि के लिए अधिकारियों के पास भेजा। भारतीय वन्यजीव संस्थान के लुप्तप्राय प्रजाति प्रबंधन विभाग ने अंततः पुष्टि की कि जखुमा ने वास्तव में डंपा में एक बाघ की तस्वीर खींची है।'

मुश्किल समय से गुजरा टाइगर रिजर्व और यहां का स्टाफ

हालांकि इसे तस्वीर में देखना आसान नहीं है। बाघ फ्रेम के बाईं ओर दिखाई देगा। पोस्ट के अनुसार, टाइगर रिजर्व को पिछले कुछ वर्षों में कई प्रशासनिक मुद्दों का सामना करना पड़ा है, जिसमें ग्राउंड स्टाफ को कम और देरी से मिलने वाला वेतन शामिल है। 2018 में पिछली जनगणना के बाद जानवर की उपस्थिति का कोई सबूत नहीं देने के बाद इसे 'बाघों के बिना बाघ अभयारण्य' के रूप में भी जाना जाता था। तमाम आलोचनाओं और चुनौतियों के बावजूद डंपा के ग्राउंड स्टाफ ने अपना काम जारी रखा। अब, भारतीय वन्यजीव संस्थान द्वारा रिजर्व में बाघों की उपस्थिति की पुष्टि की गई है। जखुमा ने द असम ट्रिब्यून को बताया, 'यह साबित करता है कि मेरे और मेरे साथी गार्डों द्वारा की गई कड़ी मेहनत, जिन्हें कम वेतन दिया जा रहा है, व्यर्थ नहीं है।'

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