Student Made ATM Machine: कहते हैं कि पूत के पांव पालने में ही दिख जाते हैं। किसी का भी टैलेंट छुटपन में ही नजर आ जाता है। राजस्थान के बाड़मेर (Barmer) में कक्षा 10 में पढ़ने वाले एक छात्र ने ऐसा काम किया है, जिसके बारे में जानकर बड़े-बड़े इंजीनियर्स भी हैरान रह जाएंगे। इस छात्र में घर में पड़े कबाड़ से नोट और सिक्के निकालने वाली एटीएम (ATM) मशीन बना दी। हैरानी की बात यह है कि कि छात्र ने जो एटीएम मशीन बनाई है, वह नोट के साथ-साथ सिक्के भी निकालती है।
आपको जानकर आश्चर्य होगा कि छात्र ने जो एटीएम बनाया है, उसे बनाने में छात्र ने एक रुपये खर्च नहीं किया और पूरा का पूरा एटीएम घर में पड़े कबाड़ से बनाया है। यह हूबहू ओरिजिनल एटीएम मशीन की तरह काम करती है। इसमें ओरिजिनल एटीएम मशीन की तरह ही कार्ड डाला जाता है और फिर पिन डालने के बाद पैसे निकाले जा सकते हैं। छात्र ने यह एटीएम मशीन भारत सरकार की स्कीम के तहत बनाया है। इस छात्र का नाम भरत है। भरत ने जो ऑटोमैटिक एटीएम मशीन बनाई है, वह पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम पर काम करता है।
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इस एटीएम से 1 रुपये, 2 रुपये और 10 रुपये के सिक्के निकाले जा सकते हैं। जिसके लिए इमसें अलग-अलग बॉक्स बने हुए हैं। बता दें कि एटीएम में सिक्के पहले से ही डाले जाते हैं। ये सभी सिक्के 1 रुपये, 2 रुपये और 10 रुपये वाले अलग-अलग बॉक्सों में अपने आप चले जाते हैं। इसके बाद इन्हें एटीएम से निकाला जाता है। 10वीं के छात्र भरत जोगल का बचपन से ही एटीएम मशीन बनाने का सपना था। भरत ने स्कूल प्रोजेक्ट में इससे पहले भी कई तरह की मशीनें बनाई हैं।
भरत के टीचर ने बताया कि एटीएम मशीन भारत सरकार की इंस्पायर अवार्ड मानक योजना के अंतर्गत बनाई गई है। इस स्कीम के तहत साल 2020 में गवर्नमेंट हायर सीनियर सेकेंडरी स्कूल के 5 बच्चों को चुना गया था। हालांकि, तब कोरोना वायरस के चलते यह कॉम्पटीशन रुक गया था। अब जबकि प्रोसेस फिर से स्टार्ट हुआ है तो भरत की बनाई एटीएम मशीन को पहले स्टेट लेवल और अब नेशनल लेवल पर चुना गया है। भरत ने बताया कि उसने कागज, छोटी मोटर, वायर, ढक्कन, रबड़ जैसे बेकार पड़े सामानों से एटीएम मशीन बनाई है। उन्हें इसको बनाने में 10 दिन का समय लगा है।