नई दिल्ली: आज यानी 6 जून को शिवराज्याभिषेक के रूप में मनाया जाता है। दरअसल, इसी दिन 1674 में छत्रपति शिवाजी महाराज का रायगढ़ के किले में राज्याभिषेक हुआ था। इस वजह से महाराष्ट्र के रायगढ़ में हर साल 6 जून को शिवराज्याभिषेक मनाया जाता है। हर साल हजारों अनुयायी समारोह में शामिल होते थे, हालांकि, इस साल पूरी तरह से एक अलग तस्वीर रही। राज्यसभा सांसद और शिवाजी महाराज के वंशज संभाजी राजे ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर सभी को शिवराज्याभिषेक की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने यह भी पुष्टि की कि वार्षिक परंपरा के अनुसार रायगढ़ के दुर्गराज में शिवराज्याभिषेक का कार्यक्रम शुरू हो गया है।
राज्य में चल रहे कोरोनो वायरस संकट के मद्देनजर छत्रपति शिवाजी के अनुयायियों को घर पर ही रह कर समारोह का लुत्फ उठाने को कहा गया। शिवराज्याभिषेक 2020 समारोह के लाइव टेलीकास्ट के बारे में बोलते हुए संभाजी राजे ने कहा, 'वैसा ही जुनून, वैसा ही उत्साह और वैसा ही क्षण फिर से अनुभव किया जाएगा, लेकिन इस बार अपने घर से।'
रायगढ़ के किले में हुआ था राज्याभिषेक
हर साल, महाराष्ट्र के रायगढ़ में अखिल भारतीय कोरोनेशन समिति द्वारा शिवराज्याभिषेक कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। 6 जून, 1674 को ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, छत्रपति शिवाजी को हिंदू साम्राज्य के शासक के रूप में ताज पहनाया गया था। मुगलों के साम्राज्यवादी सपनों को हकीकत में बदलने से रोकने के लिए शिवाजी का रायगढ़ के किले में राज्याभिषेक हुआ और उन्हें छत्रपति की उपाधि से नवाजा गया।
काशी के ब्राह्मणों से करवाया राज्याभिषेक
सन 1674 तक शिवाजी ने उन सारे प्रदेशों पर अधिकार कर लिया था जो पुरन्दर की सन्धि के अन्तर्गत उन्हें मुगलों को देने पड़े थे। पश्चिमी महाराष्ट्र में स्वतंत्र हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के बाद शिवाजी ने अपना राज्याभिषेक करना चाहा, परंतु मुस्लिम सैनिको ने ब्राहमणों को धमकी दी कि जो भी शिवाजी का राज्याभिषेक करेगा उनकी हत्या कर दी जाएगी। जब ये बात शिवाजी तक पहुंची की मुगल सरदार ऐसे धमकी दे रहे है तब शिवाजी ने इसे एक चुनौती के रूप मे लिया और कहा की अब वो उस राज्य के ब्राह्मण से ही अभिषेक करवाएंगे जो मुगलों के अधिकार में है। काशी मुगल साम्राज्य के अधीन था, वहीं के ब्राह्मणों से उन्होंने राज्याभिषेक करवाया।