नई दिल्ली। 23 नवंबर को अल सुबह महाराष्ट्र के राजभवन में अजित पवार डिप्टी सीएम की शपथ ले रहे थे। यह तस्वीर हर किसी के लिए अप्रत्याशित थी क्योंकि उस ऐतिहासिक नजारे से महज कुछ घंटों पहले शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी महाविकास अघाड़ी के निर्माण में महत्वपूर्ण कदम उठा चुके थे। अजित पवार का शपथ लेना किसी राजनेता के शपथ लेने की तरह नहीं था क्योंकि उस शपथ से कुछ रिश्तों पर असर पड़ा था। भतीजा और भाई के रूप में अजित पवार, शरद पवार की राजनीतिक लाइन से अलग हो चुके थे। शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने व्हाट्सऐप का स्टेट्स बदला और अपने दर्द का इजहार किया कि पार्टी और परिवार दोनों टूट गए।
करीब तीन दिन की मान मनौव्वल के बाद अजित पवार मान गए और 26 नवंबर को अपने पद से इस्तीफा दे दिया इससे साफ हो गया कि एनसीपी में अब सबकुछ ठीकठाक है। बुधवार की सुबह सुप्रिया सुले और अजित पवार होटल में पहुंचे और कैमरों ने एक ऐसी तस्वीर कैद की जो भावनात्मक थी। तस्वीरों से ऐसा लगा कि सुप्रिया सुले, अजित पवार का पैर छू रही हैं। लेकिन हकीकत कुछ और ही था।
अजित पवार, सुप्रिया सुले की तरफ बढ़ रहे थे उसी बीच एएनआई का एक रिपोर्टर माइक लिए उनके बीच में आ गया, वो कुछ पूछने की कोशिश कर रहा था लेकिन उसी वक्त सुप्रिया सुले और अजित पवार के बीच में उसका माइक फंस गया और नीचे गिर गया। जमीन पर गिरे माइक को उठाने के लिए सुप्रिया सुले झुकीं और ऐसा लगा कि वो अजित पवार का पैर छू रही हैं। लेकिन लोगों को लगने लगा कि एक बहन और भाई बीते दिनों की कड़वाहट को भूलते हुए उस आदर्श को पेश कर रहे हैं जो भारतीय सभ्यता का अनिवार्य अंग है।