इस देश की महिला सैनिकों को पहनने पड़ते हैं पुरुषों के अंडरवियर, अब सरकार ने जारी किया ये आदेश

क्या आप कभी ऐसी कल्पना कर सकते हैं कि आर्मी के महिला सदस्यों को पुरुषों के अंडरवियर पहनने पड़ते हैं। लेकिन ये सच है और एक देश में ऐसा होता है।

Switzerland's female soldiers can finally stop wearing men's underwear
यहां की महिला सैनिकों को पहनने पड़ते हैं पुरुषों के अंडरवियर 

नई दिल्ली: स्विट्जरलैंड की सेना में महिलाओं के लिए एक बेहद अजीबोगरीब व्यवस्था जो वर्षों से चली आ रही हैं वो अब बदलने जा रही है। दरअसल यहां आर्मी में तैनात महिलाओं को पुरुषों के ही अंडरवियर पहनने पड़ते हैं और यह व्यवस्था पिछले कई सालों से चलती आ रही है। देश की आर्मी में महिलाओं की भागीदारी बढ़ने के साथ ही इस व्यवस्था में अब सरकार ने बदलाव करने का फैसला कर लिया है।

आर्मी ने कही ये बात

पहली बार, स्विस सेना अपनी महिला रंगरूटों को महिलाओं के अंडरवियर देने जा रही है, क्योंकि आर्मी में अधिक महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है। वर्तमान में, महिला सैनिकों को पुरुषों के अंडरवियर के दिए जाते हैं लेकिन अब गर्म और ठंडे मौसम के लिए महिलाओं के अंडरगारमेंट्स के दो अलग-अलग सेटों का परीक्षण अगले महीने से शुरू होने वाला है। आर्मी के एक प्रवक्ता ने बताया कि पिछले सेना के उपकरण और वर्दी महिलाओं की विशिष्ट आवश्यकताओं के लिए बहुत कम थे या या ना के बराबर थे।

आर्मी ने दिया बयान

एक बयान में कहा गया है कि आर्मी द्वारा उपलब्ध होने वाले कपड़े और कुछ चीजें अब पूरी तरह बीते दौर की बात हो चुकी है। इसका आधुनिकीकरण करने की दिशा में अब महिलाओं के लिए अलग से कपड़े और उपकरण दिए जाएंगे। सेना द्वारा शीघ्र ही और अधिक महिला भर्तियों को आकर्षित करने की घोषणा के बाद अंडरवियर के इस नियम में बदलाव किया गया है। इसके अलावा कॉम्बेट क्लोदिंग, प्रोटेक्टिव वेस्ट और बैकपेक को भी बेहतर करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

सेना में 1 फीसदी से भी कम हैं महिलाएं

इस महीने की शुरुआत में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर स्विस फेडरल डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस, सिविल प्रोटेक्शन एंड स्पोर्ट ने कहा कि वह सेना में महिलाओं के अनुपात को बढ़ाना चाहती है।  मंत्रालय ने कहा कि इससे 'महिलाओं के लिए एक नई सेवा' लागू होगी और 'सैन्य सेवा, कार्य, शिक्षा और परिवार के सामंजस्य' को बढ़ावा देगा। स्विस सेना में महिलाएं 1% से भी कम हैं, लेकिन अधिकारी 2030 तक इसे 10% तक बढ़ाना चाहते हैं। 2019 में, विओला एमहर्ड देश के इतिहास में पहली महिला रक्षा मंत्री बनी थी।

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