कोरोना महामारी के कारण जब ट्रेन और बस सहित यात्रा के साधन उपलब्ध नहीं हैं तो झारखंड के रहने वाले एक युवक को अपनी गर्भवती पत्नी को स्कूटर पर बिठाकर 1,200 किलोमीटर का सफर तय कर डी एड (डिप्लोमा इन एजुकेशन) की परीक्षा दिलाने ग्वालियर आना पड़ा था। जब इस दंपत्ति का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ था।इस कपल की कहानी मीडिया में आने के बाद एक कॉर्पोरेट कंपनी ने उन्हें वापसी यात्रा के लिए जहाज का टिकट दिया है।
धनंजय ने बताया,हमें ग्वालियर से रांची की हवाई यात्रा का टिकट मिल गया है, ये प्लेन टिकट 16 सितंबर का है, ग्वालियर से रांची के लिए सीधी उड़ान नहीं है, इसलिए हम दोनों हैदराबाद होकर रांची पहुंचेंगे वहीं ग्वालियर में उनके रहने का इंतजाम भी ग्वालियर प्रशासन ने परीक्षा केंद्र के पास कर दिया था, ऐसा पहली बार होगा जब ये दोनों लोग हवाई जहाज की यात्रा करेंगे दोनों इससे बेहद खुश हैं।
झारखंड के गोंडा जिले के गंटा टोला गांव के निवासी 27 साल के धनंजय कुमार अपनी छह माह की गर्भवती पत्नी 22 साल की सोनी हेम्बराम को स्कूटर पर बिठाकर डी एड की परीक्षा दिलाने के लिये ग्वालियर आ गये थे। इस बारे में धनंजय ने बताया कि कोरोना के कारण बसें और ट्रेनें बंद थी। ऊपर से पत्नी सोनी को छह महीने का गर्भ था, लेकिन उन्होंने स्कूटर से ही यात्रा करने की ठान ली।
हालांकि पत्नी सोनी ने पहले मना किया, लेकिन फिर तैयार हो गई। धनंजय ने बताया कि टैक्सी से वे ग्वालियर आते तो करीब 30 हजार रुपए खर्च होते, जो उनके पास नहीं थे।
उन्होंने कहा कि अभी भी जेवर गिरवी रखकर दस हजार रुपए का इंतजाम किया और दो दिन की यात्रा करके ग्वालियर आ गए। हमारे करीब पांच हजार रुपए एक ओर की यात्रा में ही खर्च हो गए। उन्होंने बताया कि रास्ते में तकलीफ तो बहुत हुई। खासतौर से बिहार में क्योंकि वहां बारिश के पानी के अलावा कुछ नहीं है। रास्ते में गड्डे में स्कूटर गया तो सोनी को तकलीफ भी हुई, लेकिन धीरे-धीरे स्कूटर चलाकर मुजफ्फरपुर और लखनऊ में रात बिताते हुए 30 अगस्त को वे ग्वालियर आ गए। गोंडा से 28 अगस्त को तड़के उन्होंने सफर शुरु किया था।
धनंजय ने बताया कि ग्वालियर के दीनदयाल नगर में उन्होंने 15 दिन के लिए 1500 रुपए में किराए पर एक कमरा लिया है और यहां पद्मा गर्ल्स स्कूल में परीक्षा केन्द्र है और पत्नी की परीक्षा 11 सितंबर तक चलेगी। उन्होंने बताया कि वह स्वयं आठवीं पास हैं और एक कैटरर के यहां कुक का काम करते हैं, लेकिन पिछले तीन महीनों से बेरोजगार हैं। पिछले साल दिसंबर में ही सोनी से उनकी शादी हुई थी। वहीं उसकी पत्नी सोनी ने बताया कि पहले तो आने में परेशानी के चलते लगा कि शायद परीक्षा नहीं दे पाएंगी, लेकिन पति की हिम्मत देखकर वह भी तैयार हो गई। हालांकि रास्ते में बारिश के कारण परेशानी हुई, थोड़ा बुखार भी आया, लेकिन अब सब ठीक है और जैसे ही झारखंड में शिक्षकों की भर्ती होगी, वह भी आवेदन करेंगी, और उम्मीद है कि उसका चयन भी हो जाएगा।