अश्गाबात : यूं तो पशु-पक्षियों से दुनियाभर में बहुतेरे लोग स्नेह करते हैं और उनकी प्रतिमाएं भी जगह-जगह देखने को मिलती हैं, लेकिन कोई अपने पसंदीदा नस्ल के कुत्ते की 19 फुट ऊंची प्रतिमा सोने से बनवा दे तो यह बात हैरान करती है। यह अचंभित कर देने वाला कदम उठाया है तुर्कमेनिस्तान के शासक ने, जिसने अपने पसंदीदा नस्ल के कुत्ते की 19 फुट ऊंची (6 मीटर) 'सोने' की मूर्ति बनवाई है। इसका अनावरण उन्होंने बीते मंगलवार को राजधानी अश्गाबात में किया।
तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति गुरबांगुली बेर्दयमुखमेदोव ने यहां के स्थानीय तुर्कमेन अलबी नस्ल के कुत्ते की प्रतिमा बनवाई है, जिसे तुर्कमेनिस्तान की राष्ट्रीय पहचान का हिस्सा माना जाता है। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, यह सेंट्रल एशियन शेपर्ड डॉग की तुर्कमेन वेरायटी है और इसे तुर्कमेनिस्तन में राष्ट्रीय धरोहर की सूची में शामिल किया गया है। यह कोई पहली बार नहीं है, जब राष्ट्रपति ने कुत्ते की इस नस्ल के प्रति इतना सम्मान जताया है। पिछले साल उन्होंने कुत्ते की अलबी नस्ल को समर्पित एक किताब भी लिखी थी।
यहां स्वर्ण निर्मित कुत्ते की प्रतिमा इसलिए भी दुनिया का ध्यान आकर्षित कर रही है, क्योंकि तुर्कमेनिस्तान भयंकर आर्थिक तंगी से जूझ रहा है और इसकी एक बड़ी आबादी गरीबी का दंश झेलने को मजबूर है। यहां की व्यवस्था काफी कुछ तानाशाही जैसी है। प्रेस की स्वतंत्रता को लेकर काम करने वाले संगठन RSF के मुताबिक, यह देश दुनिया के उन देशों में शुमार है, जहां प्रेस की आजादी सीमित है। इस मामले में यह उत्तर कोरिया से महज एक पायदान ऊपर है।
तुर्कमेनिस्तान की राजधानी अश्गाबात के जिस इलाके में अलबी नस्ल के कुत्ते की प्रतिमा लगवाई है, वह रिहायशी इलाका है, जिसे सरकारी कर्मचारियों के लिए विकसित किया गया है। यहां मार्बल से बनी इमारतें, स्कूल, पार्क, दुकानें, सिनेमा और खेल मैदान हैं। यहां इस नस्ल के कुत्ते को उपलब्धि और विजय का प्रतीक भी माना जाता है।
तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति ने 2017 में इस नस्ल का एक कुत्ता रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को गिफ्ट किया था। हालांकि उन्होंने जिस तरह गर्दन से इसे पकड़ा था, उसे लेकर उनकी खूब आलोचना हुई थी और उसका वीडियो भी सामने आया था। तुर्कमेनिस्तान के शासन ने साल 2015 में अपनी ही सोने की मूर्ति बनवाई थी, जिसमें वह घुड़सवारी करने की मुद्रा में थे।