सीएम से पढ़ाई की मदद मांग कर सुर्खियों में आया सोनू बच्चों को पढ़ाता है ट्यूशन, हर बच्चे से लेता है 100 रुपए

वायरल
आईएएनएस
Updated May 17, 2022 | 17:45 IST

Viral Boy Sonu: बिहार के नालंदा जिले का रहने वाला सोनू इन दिनों चर्चा में है। पढ़ाई के प्रति उसकी दिलचस्पी लोगों का दिल जीत रहा है और लोग उसकी मदद भी कर रहे हैं।

Viral Boy Sonu teaches Tuition In Bihar Know About Him
चर्चा में बिहार का सोनू  |  तस्वीर साभार: IANS
मुख्य बातें
  • सुर्खियों में है बिहार के नालंदा जिले का रहने वाला सोनू
  • सीएम नीतीश कुमार से पढ़ाई करने की मदद के लिए गुहार लगाया है
  • बच्चों को ट्यूशन भी पढ़ाता है वायरल ब्वॉय सोनू

Viral Boy Sonu: बिहार के नालंदा जिले के नीमा कोल के रहने वाले रणविजय यादव का 12 वर्षीय पुत्र सोनू आजकल सुर्खियों में है। सोनू का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पढ़ाई करने के लिए मदद की गुहार लगाने वाला वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वैसे, सोनू की पढ़ाई के प्रति दिलचस्पी को इससे भी समझा जा सकता है कि वह गांव में ही अपने हमउम्र को पढ़ाता भी है।

किसी भी प्रश्न का बेझिझक जवाब देने वाला सोनू के वीडियो को देखने के बाद कई लोग उसकी मदद के लिए सामने आ रहे हैं। ग्रामीण बताते हैं कि बचपन से सोनू तेज तर्रार है। इसके पिता दूध बेचने का काम करते हैं तो माता लीला देवी निरक्षर हैं। दरअसल, हरनौत के दौरे के क्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लोगों से मिल रहे थे उसी दौरान सोनू भीड़ से आगे बढ़ कर मुख्यमंत्री से कहता है, सुनिए न सर। हमे पढ़ाई में मदद कर दीजिए।

मुख्यमंत्री ने तत्काल उपविकस आयुक्त को उसकी आगे की पढ़ाई का जिम्मा सौंप देते हैं। वैसे, सोनू हमउम्र के बच्चो को ट्यूशन भी पढ़ाता है। ट्यूशन से जो पैसे मिले उससे वह एंड्रायड फोन खरीद लिया, जिससे वह यूट्यूब पर जानकारी हासिल कर सके। बेबाकी से सोनू कहता है कि सरकारी स्कूल के शिक्षकों में योग्यता की कमी है। उन्हे जानकारी कम है। इस कारण सरकारी स्कूल के बच्चों को पढ़ाता हूं। सोनू बताता है कि वह यूट्यूब के जरिए आगे की पढ़ाई पूरी कर चुका है। सोनू की दिलचस्पी सभी विषयों में है।

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सोनू का कहना है कि उससे सीखने के लिए 30 बच्चे आते हैं, जिनसे वह प्रति माह के हिसाब से 100 रुपए लेता है। इससे उन बच्चों की पढ़ाई हो जा रही है और मुझे भी आर्थिक मदद मिल जाती है। उन्होंने यह भी बताता कि कई बच्चे पैसे भी नहीं देते। भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी बनने के सपने संजोए सोनू मदद के लिए मिल रहे ऑफर से खुश तो है, लेकिन कहता है कि उसे ऐसी मदद नहीं चाहिए, उसे मदद अधिकारी बनने तक चाहिए। उसकी मां भी अपने बच्चे को अधिकारी के रूप में देखना चाहती है।

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