Sudha Murthy: अरबों की हैं मालकिन लेकिन फिर भी बेच रही हैं सब्जी, वायरल हुई तस्वीर

सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है जिसमें एक महिला सब्जी की दुकान पर बैठी हैं। तस्वीर के बारे में दावा है कि यह सुधा मूर्ति की तस्वीर है।

Viral Photo of a woman sorting vegetables at Raghavendra Mutt is Sudha Murthy
अरबों की हैं मालकिन लेकिन फिर भी बेच रही हैं सब्जी 
मुख्य बातें
  • सुधा मूर्ति की तस्वीर सोशल मीडिया पर हो रही है वायरल
  • सुधा मूर्ति इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति की पत्नी हैं, अपने सामाजिक कार्यों की वजह से है उनकी अलग पहचान
  • सुधा मूर्ति की सादगी की हर तरफ होती है चर्चा, 90 से अधिक किताबें लिख चुकी हैं सुधा

नई दिल्ली:  प्रसिद्ध लेखक और सादगी तथा त्याग को लेकर न जाने कितने लोगों की प्रेरणास्त्रोत बन चुकीं सुधा मूर्ति के बारे में कौन नहीं जानता है। सुधा मूर्ति सादगी की एक ऐसी मिसाल हैं जिनके कार्यों से साबित होता है कि कैसे एक महिला अपने सफल करियर में समाजसेवा भी उतनी ही सादगी से करती हैं। आजकल उनकी एक तस्वीर सोशल मीडिया में वायरल हो रही है और लोग जमकर उनकी तारीफ कर रहे हैं। इस तस्वीर में सुधा मूर्ति एक दुकान में बैठकर सब्जी बेचते हुए नजर आ रही हैं।

नारायण मूर्ति की पत्नी हैं सुधा मूर्ति

सुधा मूर्ति आईटी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति की पत्नी हैं। लेकिन उनकी पहचान नारायण मूर्ति से जुड़कर ही नहीं है बल्कि वो इससे पहले भी अपनी एक अलग पहचान बना चुकी हैं। इंफोसिस को खड़ा करने में जितना योगदान नारायण मूर्ति का है उतना ही सुधा मूर्ति के त्याग और परिश्रम का भी है। सुधा अभी तक 90 से अधिक भाषाओं में किताब लिख चुकी हैं।

वायरल हुई तस्वीर

सोशल मीडिया पर सुधा मूर्ति की जो तस्वीर वायरल हो रही है उसमें वह एक दुकान पर सब्जी बेचती नजर आ रही हैं। सोशल मीडिया में दावा किया जा रहा है कि वह साल में एक बार सब्जी बेंचती हैं। तस्वीर का कैप्शन है कि करोड़ों की मालकिन होने के बावजूद इतना सादा जीवन बिताना आसान काम नहीं है लेकिन उनका व्यक्तित्व है ही ऐसा।

साल में एक बार जरूर करती हैं ये काम

 फेसबुक पर शेयर की जा रही इस तस्वीर में लिखा है, 'तस्वीर में दिख रही लेडी श्रीमती सुधा मूर्ति हैं जो नारायण मूर्ति की पत्नी, और इन्फोसिस के सह-संस्थापक हैं। जो कई अरबों के मूल्य वाली कंपनी है। आप उन्हें सब्जिया बेचते हुए देख सकते हैं। कहा जाता है कि वर्ष में एक दिन वह तिरुमाला बालाजी मंदिर में जाती हैं और तीन दिन वह जसानगर स्थित राघवेंद्र स्वामी मठ में सब्जियां काटती हैं। ऐसा वह हर साल करती हैं ताकि धन के कारण आने वाले अहंकार से छुटकारा पा सकें। विनम्रता बनाए रखने के लिए उन्हें बड़ा सलाम।'

भारतीय संस्कृति के लोकाचार को दर्शाने वाली कई किताबों की लेखिका सुधा मूर्ति कहती हैं कि उनका परोपकारी कार्य उनके जीवन का एक अत्यंत महत्वपूर्ण हिस्सा है। उन्होंने 3,000 सेक्स वर्कर्स के पुनर्वास में मदद करने के लिए 18 साल बिताए। उन सभी ने उनके अथक परिश्रम के लिए उनके साथ एक धन्यवाद समारोह का आयोजन किया ताकि वे एक सामान्य जीवन व्यतीत कर सकें।

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