Jharkhand News: झारखंड के इस 'नन्हें रिपोर्टर ' ने खोली सरकार की पोल, दिखाया सरकारी School का सच [Video]

Jharkhand Student Reporter: झारखंड के सरकारी स्कूल के एक छात्र ने सिस्टम को जगा देने वाली रिपोर्ट तैयार की है। सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले इस छात्र ने स्कूल की उस सच्चाई को सामने ला दिया है, जो देश के ज्यादातर इलाकों के गांवों में बने स्कूलों की होती है।  

Viral video This child reporter in Jharkhand showed the truth of the government school
Jharkhand News: सरकारी School का सच दिखाने वाले बच्चे की Report | Hindi News 
मुख्य बातें
  • शिक्षा का सच सामने लाने वाला वीडियो हुआ वायरल
  • नन्हें रिपोर्टर की इस रिपोर्ट से सरकार की नींद उड़ी
  • सरफराज की रिपोर्ट के बाद परिवार को धमकी दे रहे हैं शिक्षक

Jharkhand के गोड्डा जिले में एक नन्हे Reporter ने अपने इलाके के सरकारी स्कूल (Government School) की पोल खोल कर रख दी है। इसी स्कूल में पढ़ने वाले 12 साल के सरफराज ने ‘रिपोर्टर’ की भूमिका निभाते हुए स्कूल की समस्याओं का Video बनाया। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर अब खूब वायरल हो रहा है। रिपोर्टर बने सरफराज ने देश के सामने वो सच्चाई पेश की है जो अधिकतर ग्रामीण सरकारी विद्यालयों में होती है। 

सच दिखाने वाली रिपोर्ट

यहां आपको हम जो रिपोर्ट दिखा रहे हैं आप उसके पहले ही फ्रेम पर गौर कीजिए। एक सरकारी स्कूल और स्कूल के प्रांगण में दो-चार बच्चे। रिपोर्टर बने इस बच्चे हाथ में एक डंडा और डंडे के एक सिरे पर माइकनुमा आकार में बोतल गाई है। रिपोर्टर बना सरफराज कहता है, 'मेरा नाम है सरफराज खान, आप देख रहे हैं उजागर मीडिया। मैं बताता जा रहा हूं, मैं कहां पहुंचा हूं। उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय भिखयाचक में पहुंचा हूं। यहां आने का मकसद क्या है मैं दिखाता हूं इधर...जैसा की मैं बता रहा हूं। स्कूल खोल कर घर में सो गया है, सिर्फ हाजरी लगाने आता है इस स्कूल में। देखिए एक भी बच्चा नहीं है...'

सरफराज जिस स्कूल में मौजूद हैं वो झारखंड के गोड्डा जिले का एक कस्बा है। इस नन्हे रिपोर्टर की पूरी रिपोर्ट ने झारखंड सरकार, झारखंड के सरकारी स्कूल और झारखंड की शिक्षा व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी। इसकी रिपोर्ट का एक एक सेकंड झारखंड के शिक्षा मंत्री और अधिकारियों को देखना जरूरी है।

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सरफराज ने दिखाई सच्चाई

रिपोर्टर बना सरफराज आगे कहता है, 'जैसा की मैं बता रहा हूं। स्कूल खोल कर घर में सो गया है, सिर्फ हाजरी लगाने आता है इस स्कूल में। देखिए एक भी बच्चा नहीं है। बच्चों से पूछते हैं कि क्यों नहीं इस स्कूल में पढ़ने आते हैं आप लोग। आप स्कूल में क्यों नहीं पढ़ने आते हैं भाई।  स्कूल में पढ़ने आते हैं तो पढ़ाते नहीं हैं। शौचालय की भी व्यवस्था नहीं है और पानी की व्यवस्था क्या है? पानी के लिए बहुत दूर जाना पड़ता है। और दिखाइये कैमरामैन।देखिए.. इस स्कूल में शौचालय की व्यवस्था मैं बताता जा रहा हूं। इस स्कूल में शौचालय की व्यवस्था नहीं है, क्यों नहीं है ये बता रहा हूं की इस स्कूल में शौचालय की व्यवस्था करनी चाहिए। क्या कर रही है सरकार? ये देखिए क्या है शौचालय में। ये देखिए कैसा शौचालय है। स्वच्छा भारत अभियान चल रहा है तो कैसा ये स्कूल है। बच्चे को बाहर भेजते हैं। स्वच्छ भारत किसे कहते हैं हम लोग। कैमरामैन इधर दिखाइये। चापाकल(हैंडपंप) भी अभी तक नहीं लगा है। चापाकल(हैंडपंप) में भी कुछ नहीं हुआ है। देखिए पानी पीने की व्यवस्था कहां है। देखिए जंगल है स्कूल में। कैसा है ये.. सरकार है। कैसा ध्यान इधर जा रहा है, मैं बताता जा रहा हूं। इधर दिखाइये कैमरामैन, रूम में क्या भरा हुआ है। देखिए इस रूम में क्या है भाई कुट्टी(चारा) भरा है।'

मिली धमकियां

सरफराज और उन जैसे बच्चे पढ़ना चाहते हैं.. लेकिन स्कूल में पढ़ाने वाले ही नहीं आ रहे हैं तो वो पढ़ें कैसे। ऊपर से सरफराज का ये वीडियो वायरल होने के बाद शिक्षक उनके घर पर आकर धमकियां दे रहे हैं। सरफराज ने तो स्कूल की व्यवस्था से परेशान होकर सच्चाई उजागर कर दी। लेकिन न जाने देश के कितने सरकारी स्कूलों का हाल यही है। अब सवाल ये उठता है कि क्या सरफराज की इस पहल से न सिर्फ उसका स्कूल बल्कि देश के सभी सरकारी स्कूलों का जीर्णोद्धार होगा।

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