Omicron: अंधाधुंध बूस्टर डोज से होगा ये खतरा, ओमिक्रोन की चिंताओं के बीच WHO ने किया आगाह

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Updated Dec 23, 2021 | 23:09 IST

कोरोना वायरस के वैरिएंट ओमिक्रोन को लेकर चिंताओं के बीच कई देशों में बूस्‍टर डोज लगाए जा रहे हैं और कुछ देश इस पर विचार कर रहे हैं। इस बीच WHO ने आगाह किया है कि इससे वैक्‍सीन विषमता गहराने का खतरा है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस
विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस   |  तस्वीर साभार: AP, File Image

जेनेवा : विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने आगाह किया है कि कोविड-19 से बचाव के लिए अंधाधुंध वैक्सीन की अतिरिक्त खुराक (Booster dose) दिए जाने के कार्यक्रमों से वैश्विक महामारी के लंबा खिंच जाने और विश्व में वैक्सीन विषमता गहराने की आशंका है।

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के महानिदेशक टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने जेनेवा में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि कोई भी देश बूस्टर खुराक के जरिये वैश्विक महामारी से बाहर नहीं आ सकता।

यूएन एजेंसी प्रमुख की इस वर्ष के लिए यह अंतिम पत्रकार वार्ता थी। उन्‍होंने कहा, 'अन्य सतर्कता उपायों की जरूरत के बिना, बूस्टर को उत्सवों की योजनाओं के साथ आगे बढ़ने के टिकट के रूप में नहीं देखा जा सकता।'

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प्रतिरक्षण पर विशेषज्ञों के रणनैतिक सलाहकार समूह (SAGE) ने बुधवार को अतिरिक्त खुराकों के सम्बन्ध में अन्तरिम दिशा-निर्देश जारी किए। समूह ने चिंता जताई कि कुछ देशों में सामूहिक रूप से बूस्टर खुराक दिए जाने की क्षमता है, लेकिन ऐसा होने से टीकाकरण में पहले से पसरी वैक्सीन विषमता और गहरी हो जाएगी।

महामारी के लंबा खिंचने का अंदेशा 

फिलहाल सभी वैक्सीन खुराकों का करीब 20 फीसदी बूस्टर या अतिरिक्त खुराकों के तौर पर दी जा रही हैं। यूएन एजेंसी प्रमुख ने कहा कि अंधाधुंध बूस्टर कार्यक्रमों से महामारी का अंत होने की बजाय उसके लंबा खिंच जाने की आशंका है।

इससे वैक्सीन आपूर्ति उन देशों में मुड़ जाएगी, जहां पहले से टीकाकरण कवरेज ऊंचे स्तर पर है और वायरस को फैलने और अपना रूप व प्रकार बदलने का अवसर मिला जाएगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि जल्द से जल्द सभी देशों में 40 फीसदी आबादी और वर्ष 2022 के मध्य तक 70 प्रतिशत आबादी के टीकाकरण को प्राथमिकता दी जानी होगी।

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संगठन के शीर्ष अधिकारी ने कहा कि यह याद रखना होगा कि अस्पताल में भर्ती होने या मौत होने का जोखिम उन लोगों के लिए है, जिनका अभी टीकाकरण नहीं हुआ है, न कि बूस्टर खुराक ना पाने वाले लोगों के लिए। उन्‍होंने कहा, 'हमें बेहद स्पष्ट रहना होगा कि हमारे पास जो वैक्सीन हैं, वे डेल्टा और ओमिक्रॉन, दोनों वैरिएंट्स के लिए कारगर हैं।

वैक्सीन विषमता का विरोध

महानिदेशक घेबरेयेसस ने कहा कि कुछ देशों में अंधाधुंध ढंग से वैक्सीन की अतिरिक्त खुराक दिए जाने के कार्यक्रम शुरू किए गए हैं। तीसरी, यहां तक कि चौथी खुराक के लिए जैसा कि इसराइल में हुआ है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के 194 सदस्य देशों में से महज आधी संख्या में ही देश, अपनी 40 फीसदी आबादी का टीकाकरण में सफल हो पाए हैं।

इसकी वजह वैश्विक आपूर्ति में व्याप्त विषमता बताई गई है। यूएन एजेंसी के मुताबिक, वर्ष 2021 में पर्याप्त संख्या में टीके दिए गए और यदि वैक्सीन खुराकों को, कोवैक्स पहल के तहत न्यायसंगत ढंग से वितरित किया गया होता तो हर देश इस लक्ष्य को सितम्बर महीने में पूरा कर सकता था। उन्‍होंने कहा, 'हम उत्साहित हैं कि आपूर्ति बेहतर हो रही है। आज कोवैक्स ने अपनी 80वीं करोड़ वैक्सीन खुराक की खेप रवाना की है। इनमें से आधी खुराकें पिछले तीन महीनों में भेजी गई हैं।'

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उन्होंने देशों व विनिर्माताओं से कोवैक्स पहल को प्राथमकिता देने और एक साथ मिलकर काम करने का आग्रह किया है, ताकि पीछे छूट गए देशों को सहारा दिया जा सके। यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के अनुमान दर्शाते हैं कि वर्ष 2022 की पहली तिमाही में पूरी दुनिया में वयस्क आबादी का टीकाकरण करने और उच्च-जोखिम वाली आबादी को अतिरिक्त खुराक देने के लिए पर्याप्त आपूर्ति है।
 

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