नई दिल्ली। पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) स्कीम सरकार की लॉन्ग टर्म निवेश योजना है। यह सभी को रिटायरमेंट के बाद का एक सुरक्षित जीवन प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई एक रिटायरमेंट सेविंग स्कीम है। एक वित्तीय वर्ष में इसमें न्यूनतम 500 रुपये और अधिकतम 1.5 लाख रुपये जमा किए जा सकते है। पीपीएफ के नियमों के अनुसार, यह 15 साल बाद मैच्योर होता है। 15 साल पूरा होने पर आप इसे 5 साल के लिए बढ़ा भी सकते हैं। इसकी खास बात यह है कि नकदी की कमी की स्थिति में पीपीएफ खाताधारक लोन की सुविधा का भी लाभ उठा सकते हैं।
कितना मिल सकता है लोन?
एक पीपीएफ अकाउंट होल्डर सदस्यता के तीसरे साल के बाद लोन के लिए पात्र होता है, हालांकि यह विकल्प सिर्फ छठे वित्तीय वर्ष के अंत तक ही उपलब्ध होती है। कोई भी पूरी राशि के लिए लोन नहीं ले सकता है। जिस साल के लिए लोन का अनुरोध किया जा रहा है, उसके ठीक दो साल पहले के अंत में अकाउंट में उपलब्ध राशि का ज्यादा से ज्यादा 25 फीसदी उधार ही लिया जा सकता है। यानी अगर 2021-22 के दौरान लोन लिया जाता है, तो 31-03-2020 को शेष बैलेंस का 25 फीसदी तक लोन लिया जा सकता है।
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कितनी होगी ब्याज दर? (Interest rate on loan against PPF)
पीपीएफ अकाउंट से लोन की ब्याज दर वर्तमान सरकार द्वारा निर्धारित ब्याज दर से 1 फीसदी अधिक है। अगर आप लोन का अनुरोध करने के लिए अभी ब्रांच में जाते हैं, तो ब्याज दर 8.1 फीसदी (पीपीएफ ब्याज दर 7.1 फीसदी) होगी।
कब तक चुकाना होगा लोन?
जिस महीने लोन स्वीकृत किया जाता है, उसके 36 महीनों के भीतर ही लोन के मूलधन को चुकाना होता है। 36 महीने के दौरान आप एकमुश्त या दो या इससे ज्यादा मासिक किस्तों में लोन का पुनर्भुगतान कर सकते हैं।
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(Disclaimer: यहां टाइम्स नाउ नवभारत द्वारा किसी भी योजना में निवेश की सलाह नहीं दी जा रही है। यह सिर्फ जानकारी देने के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी योजना में निवेश करने से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।)