नई दिल्ली। नागरिकों के हितों को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार कई योजनाएं चलाती है, जैसे सार्वजनिक भविष्य निधि (PPF), सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana), वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS), और राष्ट्रीय बचत योजना। भारी अटकलें हैं कि सरकार जल्द ही इन छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में वृद्धि कर सकती है। इन स्कीम पर मिलने वाले ब्याज की समीक्षा इस महीने के अंत में, यानी 30 सितंबर 2022 को होनी है।
कैसे होती है ब्याज की गणना?
ध्यान दें कि इन स्मॉल सेविंग स्कीम (Small Saving Schemes) पर ब्याज दरों की गणना सरकारी बांडों की प्रतिफल के आधार पर की जाती है, जिन्हें सरकारी प्रतिभूतियों या जी-सेक (G-sec) के रूप में भी जाना जाता है। सरकार पिछले तीन महीनों में औसत जी-सेक यील्ड के संबंध में हर तिमाही इनके ब्याज दरों की समीक्षा करती है।
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अप्रैल 2022 से बेंचमार्क 10 वर्षीय यील्ड 7 फीसदी से ऊपर है। जून से अगस्त 2021 में यह औसतन 7.31 फीसदी रहा था। यह आने वाली समीक्षा में ब्याज दर संशोधन के लिए एक मजबूत कारक हो सकता है।
ब्याज दर की गणना
वित्त मंत्रालय द्वारा 18 मार्च 2016 को अधिसूचित पीपीएफ पर ब्याज की गणना के फार्मूले (Calculation of Interest on PPF) के मुताबिक, अक्टूबर से दिसंबर तिमाही में पीपीएफ पर ब्याज बढ़कर 7.56 फीसदी हो सकता है। फिलहाल पीपीएफ 7.1 फीसदी रिटर्न देता है। इसी तरह, सुकन्या समृद्धि योजना की ब्याज दर जी-सेक यील्ड पर 75 आधार अंक ज्यादा होनी चाहिए। मौजूदा समय में इस स्कीम की ब्याज दर 7.6 फीसदी है।
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छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरें सितंबर 2020 से अपरिवर्तित बनी हुई हैं। पिछली बार अप्रैल से सितंबर 2020 तिमाही के लिए ब्याज दर नीचे की ओर संशोधित की गई थी।