अपनी आयकर रिटर्न (आईटीआर) को फाइल करने की आखिरी तिथि 31 जुलाई है। यह हर वर्ष की जाने वाली वित्तीय एक्सरसाइज है जिसमें करदाता को सभी स्रोतों से अपनी पिछले वित्तीय वर्ष की आय और वित्तीय लेनदेनों को प्रकट करना आवश्यक होता है जिसके लिए मान्य दस्तावेज़ भी होने चाहिए। आय में आपका वेतन, प्राप्त पूंजीगत लाभ, लाभांश, ब्याज, किराया आय आदि शामिल होते हैं। आपकी आयकर रिटर्न को फाइल करने के लिए जरूरी 10 दस्तावेजो की सूची दी गई है।
आईटीआर फार्म को फाइल करते समय आपके 16 अंकों की आधार संख्या और पैन ब्यौरे का उल्लेख करना आवश्यक होता है। यदि आपके पास आधार नहीं है, तो आप आईटीआर फार्म में आधार नामांकन संख्या दे सकते हैं। पर्मानेंट अकाउंट नम्बर (पैन) अनिवार्य है। कृपया ध्यान दें कि आपका पैन और आधार नम्बर आपस में लिंक होने चाहिए।
करदाता को वित्तीय वर्ष के दौरान धारित सभी बैंक खातों मे किए गए लेनदेन ब्यौरे अवश्य प्रदान करना चाहिए। इसमें आपका बैंक का नाम, खाता संख्या, आईएफएससी कोड और खाते का प्रकार शामिल है। आपको यह भी उल्लेख करना होता है कि किस बैंक खाते में आप अपने इंकम टैक्स रिफंड का क्रेडिट प्राप्त करना चाहते हैं।
सभी वेतनभोगी व्यक्ति अपने नियोक्ता से वित्तीय वर्ष की समाप्ति के 75 दिनों के अंदर फार्म 16 प्राप्त करते हैं। यह स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) सर्टिफिकेट होता है जिसे अनिवार्य तौर पर नियोक्ता को अपने कर्मचारियों को प्रदान करना होता है, और जिसमें वित्तीय वर्ष के दौरान अदा किए वेतन और काटे गए कर का ब्यौरा शामिल होता है।
अपनी आईटीआर को फाइल करने से पहले, वित्तीय वर्ष के दौरान अपने टैक्स सेविंग निवेश के लिए सभी सहायक दस्तावेज़ को वित्तीय संस्थानों से प्राप्त कर लिया जाना चाहिए। हालांकि आपके फॉर्म 16 में ब्यौरा होता है, लेकिन यदि आपने टैक्स निवेश की जानकारी अपने नियोक्ता को नहीं दी है, तो आप भी आईटीआर को फाइल करते समय ऐसा कर सकते हैं.
ऐसे व्यक्ति जो वित्तीय वर्ष के दौरान प्रोपर्टी, शेयर, म्यूचल फंड्स या यहां तक कि क्रिप्टो करेंसीज़ को बेच कर पूंजीगत लाभ प्राप्त करते हैं, उसकी जानकारी आईटीआर फाइल करते समय अवश्य ही प्रदान की जानी चाहिए। उदाहरण के लिए, प्रोपर्टी (फ्लैट, घर या भूमि) को बेचने पर मिलने वाले लाभ के लिए, रिटर्न फाइल करने वाले के पास संबंधित प्रोपर्टी की खरीद और विक्रय डीड्स होनी चाहिए। इस प्रकार की डीड्स में, खरीद और बिक्री की तारीखों का साफ-साफ उल्लेख होना चाहिए, साथ ही प्राप्त करने की लागत और खरीददार का ब्यौरा भी होना चाहिए यदि आपने भारत से बाहर स्थित प्रोपर्टी को बेचा है। दूसरी तरफ, आपके ब्रोकर या ट्रांसफर या रजिस्ट्ररार द्वारा शेयरों और म्यूचल फंड्स के लिए पूंजीगत लाभ स्टेटमेंट उपलब्ध कराया जाएगा।
फार्म 16 ए एक अन्य टीडीएस प्रमाणपत्र होता है, जो फार्म 16 से अलग होता है। इसे बैंकों और म्यूचल फंड्स द्वारा जारी किया जाता है, इसमें सावधि जमा पर अर्जित ब्याज या लाभांश पर काटे गए कर का ब्यौरा शामिल होता है। यह तब लागू होता है जब सावधि जमाओं पर ब्याज आय 40,000 से अधिक होता है। वरिष्ठ नागरिकों के लिए, एक वित्तीय वर्ष में यह सीमा 50,000 है। मान लीजिए कि आपने लाभांश भुगतान करने वाली म्यूचल फंड स्कीमों में निवेश किया है। उस मामले में, म्यूचल फंड कंपनियां आपको फार्म 16 ए प्रदान करेंगी जिसमें वित्तीय वर्ष के दौरान यदि लाभांश आय 5,000/- रूपये से अधिक होती है, तो उसमें लाभांश भुगतान में काटे गए कर का ब्यौरा शामिल होता है।
आईटीआर फाइल करते समय, आपको बैंकों और डाकघरों से अपने बचत खातों और सावधि जमाओं पर प्राप्त ब्याज आय के प्रमाणपत्रों को प्राप्त करना होगा। आप बैंक की वेबसाइट से ब्याज प्रमाणपत्रों को डाउनलोड कर सकते हैं। यदि यह उपलब्ध नहीं है, तो अपडेट की गई पासबुक भी पर्याप्त होगी, जिसकी एक प्रति की ज़रूरत होती है। वे लोग जो होम तथा शिक्षा लोन पर ईएमआई का भुगतान कर रहे हैं, उन्हें रिपेमेंट प्रमाणपत्र को प्राप्त करना होता है, जिससे कर छूट में मदद मिलती है।
यह एक समेकित वार्षिक टैक्स स्टेटमेंट होती है जो खास तौर पर पैन से लिंक होती है, जिसमे काटे गए कर और साथ ही सोर्स पर काटे गए कर (टीडीएस तथा टीसीएस), आयकर दाता द्वारा भुगतान किए गए अग्रिम कर के साथ-साथ सेल्फ-असेसमेंट कर का ब्यौरा शामिल होता है। आप आयकर वेबसाइट से फार्म 26एएस को डाउनलोड कर सकते हैं।
यह समेकित स्टेटमेंट होती है जिसमें वित्तीय वर्ष के दौरान आपके सभी वित्तीय लेनदेन जैसे बैंकिंग लेनदेन- विदड्रावल तथा डिपोजिट्स, म्यूचल फंड तथा शेयर लेनदेन, विदेशी रेमिटेंस तथा लाभांश भुगतानों आदि शामिल होते हैं। आपको एआईएस को डाउनलोड करना चाहिए तथा इस बात की सलाह दी जाती है कि आप यह देख लें कि जो कुछ आप आईटीआर में फाइल कर रहे हैं, वह इससे मेल करती है।
यदि आपने ऐसी कंपनियों में निवेश किया है जो स्टॉक मार्केट में लिस्टेड नहीं हैं, तो आपको इस प्रकार के निवेश का ब्यौरा प्रदान करना होता है। इसमें कंपनी का नाम, इसका प्रकार, इसका पैन, प्राप्त शेयरों की संख्या तथा वर्ष के दौरान बेचे गए शेयरों की संख्या और साथ ही 31 मार्च के अनुसार अंतिम बैलेंस की जानकारी शामिल होती है।
आईटीआर फाइलिंग से आपको अपने वित्तीय लेनदेनों को सरकारी रिकार्ड में बनाए रखने में और यदि कोई रिफंड है तो उसे प्राप्त करने में मदद मिलती है। इसके अलावा, आईटीआर फाइल करने से आप भविष्य में उधार लेने में सहायता मिलती है क्योंकि उधारदाताओं को आय के साक्ष्य के तौर पर इसकी आवश्यकता होती है। आयकर विभाग आपको आईटीआर ऑनलाइन तथा दस्तावेज़ों के साथ ऑफलाइन फाइल करने की सुविधा प्रदान करता है, जिसे आयकर विभाग की वेबसाइट पर अपलोड किया जा सकता है।
(यह लेख BankBazaar.com के सौजन्य से है)
(डिस्क्लेमर: ये लेख सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसको निवेश से जुड़ी, वित्तीय या दूसरी सलाह न माना जाए)