EPF: पीएफ से आपको हो रहा है नुकसान! ये रही पूरी डिटेल

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डिंपल अलावाधी
Updated Jun 21, 2022 | 12:11 IST

EPF Interest Rate: पीएफ में ब्याज दर पर फैसला लेने के लिए फाइनेंस इनवेस्टमेंट एंड ऑडिट कमेटी की बैठक होती है। इसके बाद CBT की बैठक होती है और फिर वित्त मंत्रालय से सहमति लेने के बाद ब्याज दर लागू की जाती है।

you are in loss as EPF Interest Rate has declined
पीएफ से आपको कैसे हो रहा है नुकसान? (Pic: iStock) 
मुख्य बातें
  • पीएफ के दायरे में आने वाले देश के करोड़ों कर्मचारियों के लिए बुरी खबर है।
  • EPFO ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए ब्याज दर में कटौती का फैसला किया था।
  • पिछले कुछ सालों के मुकाबले PF अकाउंट में जमा राशि पर कम ब्याज मिल रहा है।

नई दिल्ली। सभी कर्मचारियों के लिए प्रोविडेंट फंड (Provident Fund) का पैसा बेहद अहम होता है। सरकारी या प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले सभी कर्मचारियों के लिए PF खाते में अंशदान करना जरूरी होता है। इन खातों को कर्मचारी भविष्‍य निधि संगठन (EPFO) मैनेज करता है। मुश्किल के समय में आप अपने पीएफ अकाउंट से पैसे निकाल सकते हैं। वैसे तो ये सरकारी योजना (Government Scheme) कर्मचारियों की बेहतरी के लिए बनाई गई है, लेकिन पिछले कुछ सालों में पीएफ मेंबर्स को नुकसान हो रहा है। आइए जानते हैं कैसे।

कम हुई पीएफ पर ब्याज दर (EPF Interest Rate)
दरअसल पीएफ अकाउंट पर जमा राशि पर सरकार की ओर से ब्याज दिया जाता है। कर्मचारियों को इस ब्याज की राशि का इंतजार रहता है। लेकिन पिछले कुछ सालों में यह ब्याज दर कम हुई है। कुछ समय पहले एम्प्लॉइज प्रोविडेंट फंड ऑर्गनाइजेशन ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए ब्याज दर को 8.5 फीसदी से कम करके 8.10 फीसदी कर दिया था। यह दर पिछले करीब 40 साल में सबसे कम है। ऐसे में पहले के मुकाबले अब पीएफ मेंबर्स को कम फायदा हो रहा है।

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पिछले 10 सालों में इतना कम हुआ ब्याज 
बात अगर पिछले 1 दशक की करें, तो ब्याज काफी कम हुआ है। साल 2010-11 में पीएफ मेंबर्स के अकाउंट में सरकार 9.50 फीसदी के हिसाब से ब्याज की राशि डालती थी, लेकिन इसके अगले ही साल, यानी 2011-12 में ब्याज दर कम करके 8.25 फीसदी कर दी गई। हालांकि इसके बाद इसमें इजाफा हुआ। साल 2012-13 में कर्मचारियों को 8.50 फीसदी ब्याज मिलता था। 2013-14 और 2014-15 में 8.75 फीसदी व  साल 2015-16 में यह 8.80 फीसदी था। इसके बाद लगातार दो साल ब्याज की राशि कम हुई और 8.55 फीसदी हो गई।

एक समय में मिलता था 12 फीसदी ब्याज
1952 में जहां PF पर ब्याज दर सिर्फ 3 फीसदी थी, वो 1972 में 6 फीसदी के ऊपर पहुंची और उसके बाद लगातार हर साल इसमें इजाफा होता चला गया। 1985-86 में यह पहली बार 10 फीसदी के ऊपर चली गई। लेकिन पीएफ मेंबर्स के लिए साल 1989 से 1999 तक सबसे अच्छा समय था क्योंकि इस दौरान पीएफ पर 12 फीसदी ब्याज मिलता था। लेकिन फिर इसमें गिरावट आनी शुरू हो गई।

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