Waste Management: वाराणसी में ठोस कूड़ा प्रबंधन के लिए बनेगा मॉडल प्लान, तीन बड़े और तीन छोटे निकाय से शुरुआत

Varanasi waste management: वाराणसी में पर्यटकों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। शहर की खूबसूरती भी बढ़ रही है। यहां की सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाने की दिशा में एक और कदम उठाया जा रहा है। यहां ठोस कूड़ा प्रबंधन की कवायद तेज हो गई है। इसके लिए मॉडल प्लान तैयार किया जा रहा है।

Solid waste management will be done in Varanasi through model plan
मॉडल प्लान से वाराणसी में होगा ठोस कूड़ा प्रबंधन (प्रतीकत्मक तस्वीर)  |  तस्वीर साभार: Twitter
मुख्य बातें
  • वाराणसी सहित छह नगर निकायों में ठोस कूड़े का वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण कराया जाएगा
  • तीन बड़े और तीन छोटे निकायों का किया गया है चयन
  • मॉडल प्लान के माध्यम से कूड़ा प्रबंधन से जुड़े सभी आठ काम कराए जाएंगे

Varanasi Waste Management: शहरों में साफ-सफाई की बेहतर व्यवस्था बनाने के लिए स्वच्छ भारत मिशन के तहत शहरों में सरकार द्वारा नए सिरे से कवायद शुरू की गई है। अब वाराणसी समेत छह नगर निकायों में ठोस कूड़े का वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण के लिए मॉडल एक्शन प्लान तैयार कर काम शुरू कराया जाएगा। छह निकायों में तीन बड़े और तीन छोटे निकायों का चयन किया गया है। नगर निगम वाले निकायों में लखनऊ के अतिरिक्त वाराणसी, मथुरा एवं वृंदावन होगा। 

छोटे निकायों में मुजफ्फरपुर का बुढ़ाना, आगरा का दयालबाग और उरई नगर पालिका परिषद है। इस मॉडल प्लान की अहम बात होगी कि, इन छह निकायों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियमावली 2016 के सभी प्रावधानों के मुताबिक ठोस कूड़ा प्रबंधन से जुड़े सभी आठ काम पूरे किए जाएंगे।

नगर आयुक्तों एवं अधिशासी अधिकारियों को मिले निर्देश

स्वच्छ भारत मिशन की राज्य इकाई निदेशालय ने नगर विकास विभाग के निर्देश पर चयनित सभी नगर निकायों के नगर आयुक्तों एवं अधिशासी अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। शासन ने 31 जुलाई तक मॉडल प्लान तैयार करने के लिए समय दिया है। इन छह शहरों में यह मॉडल प्लान सफल हो गया तो इसे सिलसिलेवार सभी नगर निकायों में लागू कर दिया जाएगा। 

हर 15 दिनों में होगी समीक्षा

ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियमावली में कूड़ा निस्तारध के लिए सुझाए गए सभी तरह के कार्यों पर आधारित मॉडल एक्शन प्लान के तहत सभी काम को पूरा करने के लिए उत्तर प्रदेश सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट मॉनिटरिंग कमेटी को हर 15 दिनों में प्रगति की समीक्षा करनी होगी। 

ये आठ काम छह महीने में करने होंगे

सभी वार्डों में ठोस कूड़े का डोर-टू-डोर कलेक्शन। सभी वार्डों में उठान स्थल पर ही सूखा एवं गीले कूड़े को अलग करना। कंपोस्ट पिट एवं मैटेरियल रिकवरी सेंटर के लिए भूमि चिह्नित करना। सरकारी जमीन की अनुपलब्धता में लीज या जमीन की खरीदी करना। सूखे कूड़े के लिए कंपोस्ट पिट एवं गीला कूड़े के लिए प्रोसेसिंग प्लांट लगाना। कूड़ा निस्तारण के लिए शहर के बाहरी इलाके में गड्ढे वाली जमीन चयनित करना। लीगेसी वेस्ट को चिह्नित कर उसके निस्तारण के लिए एजेंसी चयनित करना। 

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