Varanasi MRI Facility: वाराणसी के इस अस्पताल में सिर्फ एक रुपये में होगा एमआरआई, निजी में छह हजार है शुल्क

Varanasi DDU Hospital: जिले के लोगों के लिए राहत भरी खबर है। अब दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में एमआरआई जांच भी होगी। वो भी सिर्फ एक रुपए में यह सुविधा मिलेगी। अभी मरीजों को निजी केंद्रों पर यह जांच करवानी होती है, जिसके लिए मोटी रकम खर्च करनी पड़ती है।

MRI will also be done soon in Deendayal Upadhyay Hospital
दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में जल्द एमआरआई भी होगी  |  तस्वीर साभार: Twitter
मुख्य बातें
  • एमआरआई जांच शुरू करने के लिए शासन को लिखा गया पत्र
  • अस्पताल में एमआरआई के लिए पहले ही बन चुका है भवन
  • अस्पताल में हर दिन 100 से अधिक एमआरआई जांच के आते हैं मरीज

Varanasi DDU Hospital: अब दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में एमआरआई जांच भी होगी। लोग सिर्फ एक रुपए में यह जांच करा सकेंगे। इसके लिए निजी केंद्रों पर छह हजार रुपए शुल्क अदा करने पड़ते हैं। दरअसल, शनिवार को सीएमएस डॉ. आरके सिंह ने अस्पताल के एमआरआई भवन का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने बताया कि एमआरआई की सुविधा शुरू किए जाने के लिए शासन को पत्र लिखा गया है। बहुत जल्द अस्पताल में यह सुविधा शुरू हो जाएगी। 

गौरतलब है कि योजना लागू होते वक्त इस अस्पताल को भवन के लिए फंड जारी कर दिया गया था, लेकिन शासन के स्तर पर एमआरआई मशीन नहीं उपलब्ध करवाई गई। अस्पताल में इस सुविधा का संचालन पीपीपी मॉडल पर किया जाना था। 

दो तरह की होती है एमआरआई 

एमआरआई दो तरह की होती है। एक एमआरआई सामान्य और दूसरा कंट्रास्ट होती है। अस्पताल में हर दिन 100 से अधिक मरीज एमआरआई के लिए आते हैं। इन्हें फिलहाल रेफर किया जाता है। सीएमएस डॉ. आरके सिंह का कहना है कि अब मरीजों को रेफर नहीं करना पड़ेगा। इसी अस्पताल में मरीज अपनी एमआरआई जांच करवा सकेंगे। 

क्या है एमआरआई जांच

एमआरआई जांच मस्तिष्क, हडि्डयों, मांसपेंशियों, छाती, ट्यूमर, कैंसर, माइग्रेन, धमनियों, डिमेंशिया, स्ट्रोक, जेनेटिक डिस्ऑर्डर की जानकारी होती है। इस जांच में बीमारी की वास्तविक जानकारी मिलती है। 1977 में पहली बार एमआरआई मशीन का इस्तेमाल किया गया था। इस मशीन द्वारा मैग्नेटिक फील्ड और रेडियो तरंगों का प्रयोग होता है। शरीर के अंदरूनी अंगों की पूरी इमेज तैयार होती है। 

इस जांच में दर्द या कोई नुकसान नहीं

एमआरआई जांच से मरीज को किसी तरह का नुकसान नहीं होता है। इसमें कुछ दर्द भी नहीं होता है। जांच के दौरान मशीन की आवाज तेज होने पर मरीज तकनीशियन से कहकर कान में इयरप्लग लगा सकते हैं। यह सीटी स्कैन से बेहतर माना जाता है। इस मशीन से बच्चों और गर्भवती महिलाओं की भी जांच होती है। 

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