Varanasi Bio Gas CNG: अब वाराणसी में गाड़ियां गोबर से बने सीएनजी से दौड़ेंगी, बायोगैस से व्यावसायिक उत्पादन शुरू

Varanasi Bio Gas CNG: अब वाराणसी में गोबर से बने सीएनजी से वाहन चलेंगे। शहंशाहपुर स्थित कंप्रेस्ड बायोगैस प्लांट से सीएनजी का व्यावसायिक उत्पादन होने लगा है। अब प्लांट से बाजार में सीएनजी की बिक्री की जाएगी।

Cars will run on gas made from cow dung
गोबर से बनी गैस से अब दौड़ेंगी गाड़ियां  |  तस्वीर साभार: Twitter
मुख्य बातें
  • प्लांट की महिलाओं ने 44 किलो सीएनजी कैस्केड भरे गेल के वाहन को रवाना किया
  • गेल ने सीएनजी भरे कैस्केड को रिंग रोड स्थित एसआरएम एनर्जी प्लांट पर लगा दिया है
  • अब यहां से वाहनों में भरा जाएगा सीएनजी

Varanasi Bio Gas CNG: शहशाहपुर स्थित कम्प्रेस्ड बायोगैस प्लांट से सीएनजी का व्यावसायिक उत्पादन शुरू हो गया है। इस प्लांट से शुक्रवार को 44 किलो सीएनजी कैस्टकेड भरे गेल के वाहन को रवाना किया गया है। रिंग रोड स्थित एसआरएम एनर्जी प्लांट पर गेल ने सीएनजी भरे कैस्टकेड को लगाया गया है। 

यहां से वाहनों में सीएनजी भरा जाएगा। प्रदेश का यह पहला प्लांट है, जहां गोबर से बने बायोगैस का उत्पादन शुरू कर दिया गया है। इस बारे में मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल का कहना है तीन हजार किलो क्षमता का कंप्रेस्ड बायो गैस प्लांट बनारस में प्रदूषण मुक्त अभियान को गति देगा। 

अडानी समूह ने लगाया है 24 करोड़ रुपए

मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल का कहना है कि इस प्लांट का निर्माण अडानी समूह ने करवाया है। इसके निर्माण पर 24 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। इसे बनने में एक साल लगा है। दो दिन पहले प्लांट से सीएनजी की बिक्री करने का भी लाइसेंस जारी हो गया है। गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (गेल) के साथ गैस की बिक्री करने के लिए एग्रीमेंट हुआ है। 25 अक्टूबर 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस प्लांट का उद्‌घाटन किया था। उसके बाद से यहां गैस का उत्पादन शुरू हो गया है। हालांकि लाइसेंस नहीं होने की वजह से इस अवधि में गैस की बिक्री नहीं हो सकी।

प्लांट से हर दिन 300 किलो गैस का होगा उत्पादन

प्लांट के प्रोजेक्ट मैनेजर नवीन मोघा के मुताबिक इस प्लांट से हर दिन 300 किलो गैस का उत्पादन हो रहा है। एक दिन में 300 किलो सीएनजी तैयार करने के लिए 90 टन गोबर लगता है। तीन हजार किलो सीएनजी 300 कारों में भरी जाएगी। कारों में एक बार में औसतन 10 किलो सीएनजी भरी जाती है। 

बायो प्रोडक्ट से बनी गैस सस्ती

बायो गैस कचरा मतलब प्रेसमड बगास और गोबर से बनाई जा रही है। विशेषज्ञों का दावा है कि यह गैस सीएनजी से सस्ती है। इस प्लांट से गैस उत्पादन के साथ-साथ खाद भी बननी है। इसको लेकर तैयारियां चल रहीं हैं। प्लांट से जुड़े लोगों के मुताबिक बाजार में बायोगैस की मांग को देखते हुए उत्पादन बढ़ाया जाएगा। 

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