PM Modi in Varanasi: काल भैरव दरबार में हाजिरी से लेकर काशी विश्वनाथ बाबा के अभिषेक और गंगा आरती, ऐसा है पीएम मोदी का दौरा

PM Modi Varanasi Visit Program: पीएम मोदी वाराणसी एयरपोर्ट से सेना के हेलीकॉप्टर से संम्पूर्णानंद विश्वविद्यालय पहुचेंगे पीएम विश्वविद्यालय से सड़क मार्ग से करीब 12 बजे बाबा काल भैरव के दरबार हाजिरी लगाने आएंगे।

Shri Kashi Vishwanath Corridor Varanasi
बाबा विश्वनाथ के दर्शन के बाद पीएम मोदी श्री विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण करेंगे 
मुख्य बातें
  • पीएम मोदी सबसे पहले काल भैरव के दरबार में पूजन करेंगे
  • बाबा कोतवाल से आज्ञा लेकर पीएम मोदी विश्वनाथ धाम जायेंगे
  • बाबा के दर्शन के बाद पीएम मोदी श्री विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण करेंगे

Kashi Vishwanath Dham Inauguration: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) 13 व 14 तारीख को वाराणसी के दौरे पर है, इस दौरे की शुरुआत में पीएम मोदी सबसे पहले काल भैरव के दरबार में पूजन करेंगे बाबा कोतवाल से आज्ञा लेकर पीएम मोदी विश्वनाथ धाम (Shri Kashi Vishwanath Dham) पहुचेंगे। 

बाबा के दर्शन के बाद पीएम मोदी श्री विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण करेंगे, इस कार्यक्रम के बाद पीएम बरेका गेस्ट हाउस पहुंचेंगे उसके बाद शाम को रो-रो बोट से गंगा आरती में शामिल होंगे लगभग 5:30 बजे सभी नेता गंगा आरती में शामिल होंगे, गंगा आरती के बाद प्रधानमंत्री मोदी वापस बरेका गेस्ट हाउस जाएंगे।  

प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा कि मोदी अपराह्न लगभग एक बजे मंदिर जाएंगे और लगभग 339 करोड़ रुपये की लागत से बने श्री काशी विश्वनाथ धाम के पहले चरण का उद्घाटन करेंगे।बयान में कहा गया है कि भगवान शिव के तीर्थयात्रियों और भक्तों की सुविधा के लिए लंबे समय से मोदी का एक दृष्टिकोण था।

इसमें कहा गया है, 'इस दृष्टिकोण को साकार करने के लिए, श्री काशी विश्वनाथ धाम को गंगा नदी के किनारे श्री काशी विश्वनाथ मंदिर को जोड़ने के लिए आसानी से सुलभ मार्ग बनाने के वास्ते एक परियोजना के रूप में अवधारणा की गई थी।' इसमें कहा गया है कि प्रधानमंत्री ने परियोजना के सभी चरणों में गहरी और सक्रिय रुचि ली। 

मार्च 2019 में काशी विश्वनाथ गलियारे की आधारशिला रखने के बाद मोदी ने कहा था कि यह परियोजना मंदिरों की 'रक्षा एवं संरक्षण' और प्राचीन आस्था के साथ आधुनिक तकनीक के संयोजन के लिए एक मॉडल होगी।

प्रधानमंत्री मोदी दो दिन वाराणसी में ठहरने वाले हैं

पहले दिन वह सबसे पहले बाबा काल भैरव का दर्शन-पूजन करने के बाद ललिता घाट पहुचेंगे, वहां से बाबा विश्वनाथ धाम पहुंचेंगे। कार्यक्रम के बाद वह सभी मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों के साथ गंगा आरती में शरीक होंगे। अपने प्रवास के दूसरे दिन प्रधानमंत्री देशभर से आये मुख्यमंत्रियों के साथ संवाद करेंगे उसके बाद प्रधानमंत्री वाराणसी के उमरहा स्थित स्वर्वेद मंदिर के वार्षिकोत्सव कार्यक्रम में भाग लेंगे। यहां प्रधानमंत्री उपस्थित लोगों को संबोधित भी करेंगे।

वाराणसी की कला एवं सांस्कृतिक विरासत को दर्शाने वाले विशाल भित्ति चित्र बनाए गए हैं

लोगों को काशी विश्वनाथ कॉरिडोर समर्पित करने हेतु सोमवार को यहां आ रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वागत के लिए वाराणसी की कला एवं सांस्कृतिक विरासत को दर्शाने वाले विशाल भित्ति चित्र बनाए गए हैं और काशी विश्वनाथ मंदिर स्थल के पास कई इमारतों को रोशन किया गया है। करीब 339 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित काशी विश्वनाथ धाम के पहले चरण का उद्घाटन मुख्य कार्यक्रम होगा।भारत और विदेश से बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करने वाले प्राचीन मंदिर में प्रार्थना करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी महत्वाकांक्षी काशी विश्वनाथ गलियारे को लोगों को समर्पित करेंगे।

कार्यक्रम के मद्देनजर यहां के अधिकांश निवासियों और घरेलू पर्यटकों में भारी उत्साह 

रविवार देर रात तक निर्माण कर्मी पत्थरों को चमकाने में व्यस्त रहे, श्रमिकों ने मंदिर परिसरों को विशेषकर गेंदे के फूलों से सजाया और कर्मचारी ललिता घाट को तैयार करने के लिए तमाम व्यवस्थाएं करने में जुटे रहे। इस कार्यक्रम के मद्देनजर यहां के अधिकांश निवासियों और घरेलू पर्यटकों में उत्साह है, जिसे देखते हुए वाराणसी में पुलिस सुरक्षा बढ़ा दी गई है। 'दिव्य काशी, भव्य काशी' नामक उद्घाटन समारोह को लेकर उत्साह के कारण गोदौलिया चौक के निकट सड़कों पर 'शिव बारात' निकाली गई। इलाके में कई होटल मालिकों ने अपने होटल को रोशन किया है। एक होटल मालिक ने कहा, 'यह काशी के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है और हम भाग्यशाली हैं कि हम इसका हिस्सा हैं।'

'नए कॉरिडोर का निर्माण एक चमत्कारी क्षण'

मंदिर के मुख्य पुजारी श्रीकांत मिश्रा ने कहा, 'नए गलियारे का निर्माण एक चमत्कारी क्षण है। इस शहर में काशी विश्वनाथ बाबा की अनुमति के बिना कुछ भी नहीं होता। यह उनका शहर है। निर्माण, विनाश, पुनर्निर्माण, सब उनकी इच्छा है।'प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में बताया कि परियोजना के पहले चरण में 23 इमारतों का उद्घाटन किया जाएगा। ये इमारतें तीर्थयात्रियों को सुविधा केंद्र, वैदिक केंद्र, मुमुक्षु भवन, भोगशाला, शहर संग्रहालय और फूड कोर्ट सहित कई सुविधाएं प्रदान करेंगी।यह परियोजना लगभग पांच लाख वर्ग फुट के विशाल क्षेत्र में फैली है, जबकि पहले यह परिसर लगभग 3,000 वर्ग फुट तक ही सीमित था। प्रधानमंत्री कार्यालय ने बताया कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के बावजूद परियोजना का काम समय पर पूरा हो गया।

प्रसिद्ध धार्मिक स्थल को 'स्वर्ण मंदिर' के नाम से भी जाना जाता है

काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट की वेबसाइट के अनुसार प्रसिद्ध धार्मिक स्थल को 'स्वर्ण मंदिर' के नाम से भी जाना जाता है। कई पुराने नक्शों में इस नाम का उल्लेख देखा जा सकता है। पुलिसकर्मियों की एक टुकड़ी अतिरिक्त बलों की सहायता से मंदिर परिसर, सार्वजनिक चौराहों पर तैनात है और सब कुछ सुचारू रूप से हो, यह सुनिश्चित करने के लिए सड़कों पर गश्त कर रही है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'कार्यक्रम के महत्व को देखते हुए शहरभर में विशेष रूप से मंदिर और गलियारे के आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में विशिष्ट मेहमानों और लोगों के शामिल होने की उम्मीद है।'


 

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