Sant Ravidas and Sant Kabir Museum: बाबा विश्वनाथ की धरती पर देश के दो प्रमुख संतों का संग्रहालय बनाया जाएगा। राज्य सरकार ने संत रविदास और संत कबीर का संग्रहालय बनाने का निर्णय लिया है। इसके लिए 50 करोड़ रुपए फंड जारी किया गया है। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक 25-25 करोड़ रुपए से दोनों संतों का संग्रहालय बनाया जाएगा। इन संग्रहालयों में आकर लोग संत कबीर और संत रविदास के बारे में सब कुछ जान पाएंगे। उनकी जीवन गाथा से लेकर कर्म पथ की पूरी यात्रा की जानकारी मिलेगी।
डायरेक्टर म्यूजियम ने जिलाधिकारी को दो संग्रहालय बनाए जाने के लिए जमीन की तलाश करने के लिए पत्र भेजा है। इसके बाद जिला प्रशासन जमीन की तलाश में जुटा है। संग्रहालय के साथ ऑडिटोरियम और प्रशिक्षण केंद्र भी बनाया जाएगा। संग्रहालय परिसर में ही संस्कृति विभाग का कार्यालय भी खुलेगा।
संत कबीर और संत रविदास के लाखों श्रद्धालु है। वाराणसी में देशभर से दोनों संतों के श्रद्धालु आते हैं। बता दें इन दोनों संतों की जन्मस्थली काशी है। इसलिए यहां संग्रहालय बनाने का निर्णय सरकार ने लिया है। ऐसे में यह पर्यटन केंद्र के रूप में उभरेगा। संत कबीर प्राकट्य स्थली के महंत गोविंद दास शास्त्री का कहना है कि संत कबीर संग्रहालय बनाने के लिए सरकार को धन्यवाद कहा और इसे सराहनीय बताया। संत कबीर और संत रविदास संग्रहालय बनाने के लिए जमीन चयन पहली प्रक्रिया है। जमीन चयन होने के बाद अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। इसमें करीब तीन माह का समय लगेगा। फिर संग्रहालय निर्माण के लिए टेंडर आमंत्रित किया जाएगा। इसमें सबसे कम दर पर काम करने वाली एजेंसी का चयन होना है। एजेंसी का चयन होने के बाद निर्माण कार्य शुरू कराया जाएगा। अधिकारियों के अनुसार म्यूजियम का निर्माण कार्य दो साल में पूरा कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
फिलहाल वाराणसी में आधा दर्जन से अधिक म्यूजियम हैं। सारनाथ संग्रहालय, भारत कला भवन संग्रहालय, काशी धाम म्यूजियम, ज्यूलॉजी म्यूजियम, रानी लक्ष्मीबाई जन्मस्थली, हैंडीक्राफ्ट म्यूजियम, मोक्षायतन, गंगा दर्पण म्यूजियम, काशी मूर्ति भंडार आदि म्यूजियम शामिल हैं।
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