Varanasi ropeway: वाराणसी में साफ हो रही रोप-वे निर्माण की तस्वीर, जानिए कितने करोड़ में पूरी होगी योजना

Ropeway Construction Process: वाराणसी में रोप-वे निर्माण को लेकर जीपीआर सर्वे भी हो गया है। अब टेंडर फाइनल होगा। इसमें जिस कंपनी को निर्माण कार्य का जिम्मा मिलेगा, वह फाइनल डीपीआर तय करेगी। इधर, वाराणसी विकास प्राधिकरण अपने स्तर पर अन्य तैयारियां एवं कागजी प्रक्रियाएं पूरी करा रहा है।

Ropeway construction made easier
रोप-वे निर्माण की राह हुई और आसान  |  तस्वीर साभार: Twitter
मुख्य बातें
  • वाराणसी विकास प्राधिकरण ने रोप-वे निर्माण में एक और बाधा दूर कर ली है
  • जलकल, स्मार्ट सिटी, गेल, जल निगम, नगर निगम को पत्र भेजकर निर्माण में खर्च का मांगा ब्योरा
  • वाराणसी में रोप-वे निर्माण से मिलेगा पर्यटन को बढ़ावा

VDA: शहर में रोप-वे निर्माण को लेकर वाराणसी विकास प्राधिकरण (वीडीए) ने एक और बाधा खत्म कर दी है। ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (जीपीआर) सर्वे का काम पूरा हो गया है। अब तीन दिनों के अंदर जलकल, स्मार्ट सिटी, गेल, जल निगम, नगर निगम, टेलीकॉम और बिजली विभाग को रास्ते निर्माण में होने वाले खर्च का ब्योरा देना है। इन विभागों को वीडीए ने पत्र जारी कर दिया है। खर्च का ब्योरा मिलने के बाद आगे की प्रक्रिया शुरू होगी। 

रोप-वे निर्माण के प्रोजेक्ट ऑफ प्रपोजल (आरओपी) के तहत 461.19 करोड़ रुपए का बजट संबंधित विभाग से आने वाले खर्च में जोड़ दिया जाएगा। वैसे, आने वाले खर्च को पहले से शामिल किया गया है, पर राशि बढ़ या घट सकती है। वीडीए ने 29 जून तक टेंडर आवेदन करने की अंतिम तिथि तय की है। 30 जून को टेंडर खोला जाएगा। 

चयनित एजेंसी करेगी डीपीआर फाइनल

एनएचएआई की नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा फीजिबिलिटी रिपोर्ट बनाने और मुख्यमंत्री से हरी झंडी मिलने के बाद वीडीए ने टेंडर निकाला है। इसके साथ ही वीडीए एक-एक बाधाओं को दूर करने संबंधित विभागों की सहमति ले रहा है। ताक टेंडर खुलने के बाद कोई अड़चन नहीं आए। टेंडर से चयनित हुई एजेंसी डीपीआर फाइनल करेगी। 

जीपीआर सर्वे में क्या

वाराणसी विकास प्राधिकरण ने जीपीआर सर्वे के माध्यम से यह पता किया कि जमीन के अंदर कहां क्या है। सीवर, पेयजल पाइपलाइन, टेलीकॉम, बिजली के केबल, गेल एवं जल निगम के पाइप आदि की जानकारी ली। इनसे जुड़े विभाग सर्वे देखकर उसे शिफ्ट या बदलने में कितना खर्च आएगा, उसकी जानकारी देंगे। ओवरहेड तारों को हटाने में होने वाले खर्च का भी ब्योरा मांगा गया है। इस बारे में वीडीए की उपाध्यक्ष ईशा दुहन ने बताया कि जीपीआर सर्वे का काम पूरा होने के साथ संबंधित विभागों से रिपोर्ट मांगी है। ताकि उनके आने वाले खर्च की जानकारी हो। प्रस्तावित स्टेशन की जमीन को लेकर राजस्व विभाग से रिपोर्ट मांगी है।  
 

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