वाराणसी के यात्रियों के लिए खुशखबरी, वाराणसी-हावड़ा रूट पर दौड़ेगी सुपर स्पीड में वंदे भारत एक्सप्रेस

Varanasi Rail Division: वाराणसी के रेल यात्रियों को बहुत बड़ी सौगात मिलेगी। यहां से हावड़ा के लिए वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का परिचालन किया जाएगा। यह ट्रेन देश भर में फिलहाल 75 स्टेशनों को ही आवंटित की गई है। अभी वाराणसी-हावड़ा रूट पर तेज गति वाली कोई ट्रेन नहीं है। पूरी उम्मीद है कि, अक्टूबर तक वाराणसी को वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन आवंटित हो जाएगी।

Vande Bharat Express will run from Varanasi to Howrah
वाराणसी से हावड़ा के लिए दौड़ृेगी वंदे भारत एक्सप्रेस (प्रतीकात्मक तस्वीर)  |  तस्वीर साभार: Twitter
मुख्य बातें
  • वाराणसी-हावड़ा रूट पर दौड़ेगी वंदे भारत एक्सप्रेस
  • पूर्व के दो वाशिंग पिट कैम-टेक तकनीक पर हैं बने
  • तीसरे वाशिंग पिट को भी इसी तकनीक पर बनाया जा रहा

Varanasi Vande Bharat Express: सेमी हाईस्पीड वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की सौगात वाराणसी को मिलने वाली है। पूरी उम्मीद है कि, अक्टूबर में इस रेल मंडल को यह ट्रेन आवंटित कर दी जाएगी। यह एक्सप्रेस वाराणसी से हावड़ा तक परिचालित की जाएगी। अभी वाराणसी-हावड़ा रूट पर तेज गति की कोई ट्रेन नहीं चलती है। वाराणसी स्टेशन के कोचिंग डिपो में ट्रेन के प्राइमरी मेंटेनेंस के लिए वाशिंग पिट में तकनीकी काम चल रहे हैं।

पहले के दो वाशिंग पिट कैम-टेक तकनीक पर बने हुए हैं। अब तीसरे को भी इसी तकनीक से बनवाया जा रहा है। बनारस डिपो में कैम-टेक तकनीक से बन रहे वाशिंग पिट में एलएचबी रैक और वंदे भारत के रैक की प्राइमरी मेंटेनेंस होगी। 

अभी रेलवे ट्रैक की गति 130 किमी प्रति घंटे

अभी पंडित दीनदयाल उपाध्याय (डीडीयू) जंक्शन से कोलकाता के बीच रेलवे ट्रैक की औसत गति की क्षमता 130 किलोमीटर प्रति घंटे की है। ऐसे में इस रूट पर वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन सही साबित होगा। सिर्फ वाराणसी से डीडीयू के बीच औसतन 1 घंटे 10 मिनट के समय को कम करना होगा। इसको ध्यान में रखकर ट्रैक की गति बढ़ाई जा रही है। इस नई एक्सप्रेस ट्रेन में बैठकर यात्रा करने की जगह स्लीपर कोच में यात्रा करनी होगा। ऐसे में यह ट्रेन लंबी दूरी की यात्रा करने के लिए काफी बेहतर साबित होगी।

एक और वंदे भारत एक्सप्रेस के आंवटन की संभावना

कैंट रेलवे स्टेशन पर वाशिंग पिट में नई तकनीक के बदलाव से उम्मीद है कि, यहां एक और वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का आवंटन किया जा सकता है। दूसरी वंदे भारत मुंबई, गुजरात या मध्य प्रदेश रूट पर परिचालित की जा सकती है। दरअसल, कैक-टेक तकनीक के वाशिंग पिट में ट्रेन को लाने के बाद बीच में एक समान जगह रहती है। बीच के अतिरिक्त किनारे पर भी जगह छोड़ी गई है, ताकि ट्रेन का मेंटेनेंस बेहतर हो सके।

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