PM की Kashi बनेगी बड़ा 'बिजनेस हब': जानें- कैसे और क्या कुछ होगा खास?

Varanasi DM : अब केंद्र सरकार पूर्वांचल के विकास के लिए एक नया कदम उठा रही है। वाराणसी को केंद्र में रखकर भदोही, मिर्जापुर, सोनभद्र, चंदौली, गाजीपुर, जौनपुर जिले को जोड़ने के लिए फोरलेन बनाई जाएगी। इसके बाद क्षेत्र को औद्योगिक कॉरिडोर के रूप में विकसित किया जाएगा।

Fourlane will be built to connect the neighboring districts of Varanasi, then this dream will be fulfilled
वाराणसी के पड़ोसी जिलों को जोड़ने के लिए बनेगी फोरलेन, तब पूरा होगा यह सपना  |  तस्वीर साभार: Twitter
मुख्य बातें
  • कॉरिडोर के किनारे ट्रांसपोर्ट, लॉजिस्टिक हब
  • छोटे-छोटे उद्योग, इंडस्ट्री और कंपनियां लगाई जाएंगी, लोगों को रोजगार दिया जाएगा
  • मंडलायुक्त के नेतृत्व में तैयार हो रहा कॉरिडोर का प्रारूप

Varanasi News : वाराणसी बहुत जल्द औद्योगिक कॉरिडोर के रूप में विकसित होगा। केंद्र सरकार इस दिशा में काम शुरू कर चुकी है। इसके लिए भदोही, मिर्जापुर, सोनभद्र, चंदौली, गाजीपुर, जौनपुर जिले को जोड़ने वाली फोरलेन का निर्माण कराया जाना है। इसके निर्माण के बाद वाराणसी को औद्योगिक कॉरिडोर के रूप में विकसित किया जाएगा। कॉरिडोर के किनारे ट्रांसपोर्ट, लॉजिस्टिक हब, छोटे-छोटे उद्योग, इंडस्ट्री और कंपनियां स्थापित कर लोगों को रोजगार मुहैया कराया जाएगा। 

औद्योगिक कॉरिडोर निर्माण के लिए प्रधानमंत्री कार्यलाय ने वाराणसी नगर विकास विभाग को जिम्मेदारी सौंपी है। इस बारे में नगर विकास मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने हाल में पूर्वांचल के अधिकारियों के साथ वर्चुअली बैठक की थी। इस बैठक में औद्योगिक कॉरिडोर पर विस्तृत चर्चा की गई थी। नगर विकास मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने कॉरिडोर से उद्योग और व्यापार की संभावनाओं पर फीडबैक लिया है।

मंत्री ने मंडलायुक्त को सौंपा कॉरिडोर का प्रारूप तैयार करने का दायित्व

मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने कॉरिडोर का प्रारूप तैयार करने का दायित्व मंडलायुक्त को सौंपा है। मंडलायुक्त के नेतृत्व में कॉरिडोर का प्रारूप तैयार किया जा रहा है। वाराणसी को केंद्र में रखकर प्रारूप के तहत फोरलेन का एक सर्कल बनाया जाएगा। यह फोरलेन पड़ोसी जिलों से भी गुजरेगी। मंडलायुक्त ने पड़ोस के जिला प्रशासनों से दूसरे जिले की सीमाओं को जोड़ने वाली सड़कों का ब्योरा मांगा है। दरअसल, शासन और प्रशासन की मंशा है कि पुरानी सड़कों को ही फोरलेन का रूप देना है। 

हाईवे और एक्सप्रेस-वे से भी जुड़ेगा रेल मार्ग

यह कॉरिडोर पड़ोसी जिलों से गुजरने वाले हाईवे, एक्सप्रेस-वे और रेल मार्ग से भी जुड़ेगा। इससे ट्रांसपोर्ट और लॉजिटिस्टक के लिए यातायात आसान हो जाएगा। रेल एवं हाईवे के माध्यम से कॉरिडोर को दूसरे बड़े जिलों एवं राज्यों से जोड़ा जाना है। इस कॉरिडोर के किनारे उद्योग विकसित करने में पड़ोस के जिलों से मदद ली जानी है। पीएमओ के सामने नगर विकास विभाग द्वारा फिजिबिलिटी रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी। फिर पीएमओ से अनुमति मिलने के बाद नगर विकास विभाग द्वारा अंतिम तैयारियां शुरू की जाएंगी। 

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