आर्यभट न होता तो कभी नहीं मिलता चंद्रयान-3, काम आ गया टॉयलेट वाला जुगाड़

Aug 23, 2023

आर्यभट न होता तो कभी नहीं मिलता चंद्रयान-3, काम आ गया टॉयलेट वाला जुगाड़

Ashish Kushwaha
​चंद्रयान 3 चांद की सतह से महज 25 किलोमीटर दूर​

​​चंद्रयान 3 चांद की सतह से महज 25 किलोमीटर दूर​​

चंद्रयान 3 मिशन का लैंडर मॉड्यूल चांद की सतह से महज 25 किलोमीटर दूरी पर है। लेकिन क्या आपको भारत की पहली सेटेलाइट के बजट के बारे में पता है।

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​भारत का पहली सेटेलाइट  के बारे में जानते हैं?​

​​भारत का पहली सेटेलाइट के बारे में जानते हैं?​​

भारत का पहली सेटेलाइट आर्यभट्ट प्रथम 19 अप्रैल 1975 को लांच की गई थी, अंतरिक्ष की दुनिया में आर्यभट्ट के माध्यम से भारत का यह पहला कदम था।

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​ RBI ने ऐसे बनाया था जश्न​

​​ RBI ने ऐसे बनाया था जश्न​​

1975 में आर्यभट्ट सेटेलाइट के लांच होने के इस ऐतिहासिक छड़ का जश्न मनाने के लिए RBI ने 1976 में 2 रुपये के नोट पर सेटेलाइट की तस्वीर छापी जो 1997 तक छापी गई।

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​​आर्यभट्ट प्रथम सेटेलाइट मिशन का बजट ​​

आर्यभट्ट प्रथम सेटेलाइट को भेजने के मिशन का बजट 3 करोड़ रुपये था। वहीं चंद्रयान-3 का बजट 615 करोड़ रुपये का है।

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​इतने साल तक किया काम​

इस सेटलाइट ने 11 फरवरी 1992, 17 सालों तक काम किया।

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​​टॉयलेट का इस्तेमाल डेटा रिसिविंग सेंटर के रूप में किया ग��ा​​

उन दिनों बुनियादी ढांचा उपलब्ध नहीं था और जो उपलब्ध था उसका उपयोग करते थे। यही वजह से इसके लॉन्च के समय एक टॉयलेट का इस्तेमाल डेटा रिसिविंग सेंटर के रूप में किया गया था।

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​​शून्य से शुरुआत करना चुनौतीपूर्ण रहा​​

आर्यभट्ट मिशन को शून्य से शुरुआत करना एक चुनौती था। टीम में शामिल अधिकांश सदस्य इस क्षेत्र में नए थे।

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​पूरा करने की ढाई साल थी डेडलाइन​​

इस मिशन को पूरा करने के लिए साइंटिस्ट के पास केवल ढाई साल का समय था। उस समय थर्मो वैक्यूम रूम और अन्य सुविधाएं सभी नई चीजें थी।

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