इन तरीकों से भरता था मुगलों का खजाना, सड़क से नदी तक आता था 'टैक्स'

Kashid Hussain

Jan 26, 2025

​​मुगलों की हुकूमत​​

भारत में मुगलों की हुकूमत 1526 से 1857 तक रही। उनके पास एक बड़ा खजाना था। मगर ये खजाना कैसे भरता था। आइए जानते हैं

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​​फसल पर टैक्स​​

मुगल राजा कमाई के लिए जनता पर टैक्स लगाते थे। इनमें किसानों से फसल पर पैदावार के हिसाब से टैक्स लिया जाता था

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​​लैंड रेवेन्यू टैक्स​​

मुगल लैंड रेवेन्यू टैक्स भी लेते थे, जो 25% तक था। इस टैक्स को जिहत और सरजिहत, फुरुअत और अबवाब कहा जाता था

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​​ इम्पोर्ट टैक्स​​

मुगल इम्पोर्ट टैक्स भी लगाते थे, जो दूसरे देशों से आने वाली चीजों पर 2.5 से 10 फीसदी तक हुआ करता था

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​​जकात टैक्स​​

मुगलों की हुकूमत के दौरान गैर-मुस्लिमों से जजिया टैक्स और मुस्लिमों से जकात टैक्स भी लिया जाता था। ये धार्मिक टैक्स थे

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​​राहदारी टैक्स ​​

साथ ही घरेलू और विदेशी कारोबार के लिए जो सफर सड़क या नदी के जरिए किए जाते थे, उन पर राहदारी टैक्स लिया जाता था

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​​कटरापार्चा टैक्स ​​

वहीं बाजार शुल्क के अलावा व्यापारियों और कारीगरों से रेशम जैसे उत्पादों पर कटरापार्चा टैक्स लिया जाता था

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​​कमाई के तरीके​​

ये वे तमाम तरीके थे, जिनसे मुगल राजा कमाई करते थे

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