Jan 10, 2025
2025 में अनुमान है कि 1.42 लाख हाई-नेट-वर्थ इंडिविजुअल्स (HNWIs) अपने रहने का ठिकाना बदलेंगे, जो अब तक का सबसे बड़ा वेल्थ माइग्रेशन होगा।
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2024 में 1.34 लाख मिलियनियर्स ने नए देशों को अपना ठिकाना बनाया था, जबकि 2025 में यह आंकड़ा बढ़ने की संभावना है।
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रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक अस्थिरता, जियोपॉलिटिकल और वित्तीय अनिश्चितताओं के कारण मिलियनियर्स नए देशों की ओर रुख कर रहे
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डिजिटल कनेक्टिविटी और निवेश माइग्रेशन कार्यक्रमों ने इस ट्रेंड को और बढ़ावा दिया है, जिससे अमीर लोग नए देशों में स्थायी रूप से बसने के लिए प्रेरित हो रहे हैं।
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मॉल्टा, मोनाको, सिंगापुर, स्विट्जरलैंड और UAE जैसे देशों को "Safe Haven 8" के रूप में जाना जाता है और ये अमीरों के लिए आकर्षक डेस्टिनेशन बन रहे हैं।
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2025 में वेल्थ माइग्रेशन का आंकड़ा 178% बढ़कर 1.42 लाख तक पहुंचने का अनुमान है, जो 2013 के 51,000 से कहीं अधिक है।
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कोविड के बाद, वेल्थ माइग्रेशन में तेजी आई है। 2019 में 1.1 लाख मिलियनियर्स ने माइग्रेशन किया था, लेकिन 2020 में महामारी के कारण यह घटकर कम हो गया था।
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अब इनवेस्टमेंट माइग्रेशन सिर्फ अमीर लोगों के लिए नहीं, बल्कि सरकारों और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस के लिए भी आर्थिक विकास को बढ़ावा देने का एक जरिया बन चुका है।
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UAE का गोल्डन वीजा, क्रिप्टो-फ्रेंडली नीतियां और सिंगापुर की राजनीतिक स्थिरता और वित्तीय ढांचा अमीरों के लिए आकर्षण का केंद्र बन रहे हैं।
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UK एक समय वेल्थ माइग्रेशन का पसंदीदा देश था, लेकिन अब इसमें गिरावट देखी जा रही है। 2024 तक 9,500 मिलियनियर्स के UK छोड़ने का अनुमान है।
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