Feb 26, 2025
कोटा का किला हाड़ा राजपूतों की वीरता, कोटिया भील के पराक्रम का साक्षी रहा है।
Credit: Meta AI
कोटिया भील इकेलगढ़ प्राचीन किले के शासक थे, उन्हीं के नाम से कोटा का नाम पड़ा।
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कोटा के किले की नीव राजकुमार जैत सिंह ने भील सरदार कोटिया भील धोखे से विजय प्राप्त करके रखी थी।
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कोटिया भील अत्यंत पराक्रमी थे उन्हें युद्ध में हरा पाना असंभव सा था।
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तब जैत सिंह ने उसे अपने यहां दावत पर बुलाकर खूब शराब का सेवन करवाया।
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जब कोटिया भील पूरी तरह से शराब के नशे में धुत हो गए तब सालार गाजी और हाडा राजपूतों ने मिलकर उन पर हमला बोल दिया।
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कोटिया भील ने वीरता से उनका सामना किया और सालार गाजी को मार गिराया।
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तब जैत सिंह ने धोखे से कोटिया भील की गर्दन धड़ से अलग कर दी। गर्दन धड़ से अलग हो जाने के बाद भी कोटिया भील युद्ध करते रहे।
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जब उनकी कमर काट दी गई इस तरह उनके शरीर के तीन हिस्से हो गए और उन्होंने अंतिम सांस ली।
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