Mar 28, 2025
बलात्कार या उसे करने का प्रयास करना भारत में गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है
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नाबालिग लड़की को लेकर किए गए इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाई है
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जिसमें उसने कहा था कि 'एक किशोर लड़की की छाती पकड़ना, उसके पायजामे की डोरी तोड़ना और उसे पुलिया के नीचे खींचना की कोशिश करना' रेप अथवा रेप का प्रयास के अपराध में नहीं आता।
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'ब्रेस्ट पकड़ना रेप नहीं' वाले इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाते हुए, कहा-'ऐसी टिप्पणी पूरी तरह से 'असंवेदनशील' है
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जस्टिस बीआई गवई की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि यह एक गंभीर मामला है और यह फैसला सुनाने वाले जज की अंसवेदनशीलता को दर्शाता है
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 'हमें यह कहते हुए दुख होता है कि जिस जज ने भी यह फैसला सुनाया, यह पूरी तरह से उसकी संवेदनहीनता को प्रदर्शित करता है'
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गौरतलब है कि नाबालिग लड़की के साथ रेप की कोशिश से जुड़े एक मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 17 मार्च को ये फैसला सुनाया था
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सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले में की गईं टिप्पणियों पर भी रोक लगाई है
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यही नहीं, इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब दाखिल करने के लिए कहा है।
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