Mar 26, 2025
भारत का "घातक" ड्रोन पूरी तरह से स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है, जिसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन तैयार कर रहा है।
Credit: Chat GPT
यह ड्रोन स्टील्थ (रडार से बचने की क्षमता) तकनीक से लैस होगा, जिससे दुश्मन की नजरों से बचकर ऑपरेशन करने में सक्षम रहेगा।
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यह मानव रहित हवाई वाहन स्वचालित तरीके से उड़ान भर सकता है और टारगेट को हिट कर सकता है।
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घातक ड्रोन में सुपरक्रूज क्षमता होगी, जिससे यह अधिक दूरी तक तेज गति से उड़ान भर सकता है।
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यह ड्रोन हवा से सतह और हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों से लैस होगा, जिससे दुश्मन पर सटीक हमला किया जा सकेगा।
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यह मुख्य रूप से निगरानी, हमले और टोही मिशनों के लिए डिजाइन किया गया है।
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इसका विकास भारत के तेजस लड़ाकू विमान परियोजना से जुड़े अनुभवों को ध्यान में रखकर किया जा रहा है।
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इसे भारतीय वायुसेना और नौसेना दोनों के लिए विकसित किया जा रहा है, ताकि मल्टी-रोल क्षमता मिल सके।
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घातक ड्रोन को अमेरिकी B-2 स्पिरिट, रूस के S-70 ओखोतनिक और चीन के GJ-11 जैसे एडवांस स्टील्थ ड्रोन के मुकाबले विकसित किया जा रहा है।
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