Mar 19, 2025
भारतीय इतिहास अपने आप में बेहद समृद्ध और वैभवशाली है, मुगलों ने यहां लंबे समय कर राज किया है
Credit: wikimedia/social media
मुगल बादशाहों को उनके कई अच्छे-बुरे काम के लिए याद किया जाता है
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बात यहां मुगल बादशाह औरंगजेब की जिसके शासन में मालवा, बुंदेलखंड, खानदेश और राजस्थान में उसका विरोध शुरू हो गया था
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औरंगजेब के शासन काल में ये बड़ा विद्रोह था औरंगजेब विद्रोहों का दमन करता रहा, पर इसे खत्म ना कर सका
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औरंगजेब के कट्टरपंथ से तंग आकर जाट समुदाय उत्तेजित हो गया और विद्रोह हुआ था जो जाट किसानों ने मिलकर किया था
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सिनसिनी के राजाराम जाट नाम के एक शख्स ने औरंगजेब को नाकों चने चबाने पर मजबूर कर दिया था, बता दें कि राजाराम जाट भरतपुर राज्य के राजा थे
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राजाराज जाट ने औरंगजेब को सबक सिखाने के लिए 1688 में आगरा के पास सिकंदरा स्थित अकबर के मकबरे की कब्र को खोदकर मुगल बादशाह अकबर की अस्थियां निकालीं और उन्हें आग में जला दिया
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मुगल भारत का इतिहास पुस्तक में निकोलाओ मनूची के हवाले से लिखा गया है कि राजाराम जाट ने न सिर्फ अस्थियों को जलाया था बल्कि हिंदू रीति रिवाज से श्राद्धकर्म किया था तभी कहावत चली- "ढाई मसती बसती करी, खोद कब्र करी खड्ड, अकबर अरु जहांगीर के गाढ़े कढ़ी हड्ड"
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राजाराम जाट के इस काम से औरंगजेब को बहुत झटका ��गा था इसके बाद जाटों और मुगलों के बीच संघर्ष बढ़ गया
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