Mar 18, 2025
जब मुगलों की चर्चा होती है, तो उनके हरम का भी जिक्र होता है। हरम, अरबी शब्द ‘हराम’ से बना है और इसका मतलब होता है पवित्र या वर्जित।
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हरम में किसी भी पुरुष के प्रवेश की सख्त पाबंदी होती थी और यहां सिर्फ महिलाएं ही रहती थीं जिनमें बड़ी संख्या बांदियों की होती थी। सुरक्षा में हिजड़े पहरेदार ही तैनात रहते थे।
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चूंकि हरम में बादशाह के अलावा किसी भी पुरुष के प्रवेश की पाबंदी थी इसलिए महिलाओं को कोई भी पुरुष नजर नहीं आता था और उन्हें देखने भर के लिए भी तरसती थीं।
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किसी महिला के बीमार होने पर ही हरम में पुरुष वैद्य की एंट्री होती थी और वो भी कड़े पहरे में। वैद्य को परदे के अंदर ही महिला का इलाज करना होता था, चेहरा देखने की इजाजत नहीं थी।
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इतिहासकार सर थॉमस कोरयाट लिखते हैं कि हरम के अंदर बादशाह के अलावा किसी भी पुरुष को घुसने की इजाजत नहीं थी।
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हरम के अंदर सिर्फ महिलाएं और हिजडे़ रहा करते थे और हिजड़ों को ‘ख्वाजा सार’ कहा जाता था जो हरम की सुरक्षा संभाला करते थे।
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दो वजहों से पुरुषों को हरम में जाने की इजाजत नहीं थी, पहला- बादशाह की सुरक्षा और दूसरा हरम की महिलाएं किसी बाहरी पुरुष से संबंध न बना लें।
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मुगल इतिहास पर किताबें लिखने वाले प्रोफेसर आर. नाथ के मुताबिक हरम के अंदर एक अंडरग्राउंड फांसीघर हुआ करता था।
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अगर हरम की कोई महिला, बादशाह के अलावा किसी और पुरुष से संबंध रखती पाई जाती तो उसे वहीं फांसी दे दी जाती। उस पुरुष को भी मौत की सजा मिलती थी।
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