Apr 06, 2025
जिगर मुरादाबादी के 10 मशहूर शेर: तेरी आंखों का कुछ क़ुसूर नहीं, हां मुझी को ख़राब होना था
Suneet Singh
इतने हिजाबों पर तो ये आलम है हुस्न का, क्या हाल हो जो देख लें पर्दा उठा के हम
Credit: Pexels
आग़ाज़-ए-मोहब्बत का अंजाम बस इतना है, जब दिल में तमन्ना थी अब दिल ही तमन्ना है
Credit: Pexels
क्या हुस्न ने समझा है क्या इश्क़ ने जाना है, हम ख़ाक-नशीनों की ठोकर में ज़माना है
Credit: Pexels
या वो थे ख़फ़ा हम से या हम हैं ख़फ़ा उन से, कल उन का ज़माना था आज अपना ज़माना है
Credit: Pexels
You may also like
ताजा और मीठा खरबूजा कैसे पहचानें, रेहड़ी...
जब सारे रास्ते हो जाएं बंद तो याद कर लें...
आदमी आदमी से मिलता है, दिल मगर कम किसी से मिलता है
Credit: Pexels
उस ने अपना बना के छोड़ दिया, क्या असीरी है क्या रिहाई है
Credit: Pexels
मिरी ज़िंदगी तो गुज़री तिरे हिज्र के सहारे, मिरी मौत को भी प्यारे कोई चाहिए बहाना
Credit: Pexels
पहले शराब ज़ीस्त थी अब ज़ीस्�� है शराब, कोई पिला रहा है पिए जा रहा हूँ मैं
Credit: Pexels
इश्क़ जब तक न कर चुके रुस्वा, आदमी काम का नहीं होता
Credit: Pexels
इस स्टोरी को देखने के लिए थॅंक्स
Next: ताजा और मीठा खरबूजा कैसे पहचानें, रेहड़ी वाले भी देते हैं इन बातों पर ध्यान
ऐसी और स्टोरीज देखें