Feb 25, 2025
संगम के जल को हिंदू धर्म में अत्यंत ही पवित्र माना जाता है, क्योंकि ये गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के पावन मिलन का प्रतीक होता है, जिससे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
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महाकुंभ में अमृत स्नान के बाद गंगाजल घर ले आने से कष्ट दूर हो सकते हैं और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।
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लेकिन महाकुंभ से लाए गए संगम के जल को रखने के कुछ विधान होते हैं जिसके बारे में जानना जरूरी होता है, अन्यथा जीवन में कष्ट बढ़ सकते हैं।
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घर के जिस स्थान पर संगम का जल रखा गया है उस स्थान पर मांस-मदिरा का सेवन करने से व्यक्ति को ग्रह दोष लग सकता है।
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प्लास्टिक की बोतल में जल रखना अशुद्ध माना जाता है। जल रखने के लिए तांबे के बर्तन या पीतल के बर्तन का प्रयोग करना उचित माना जाता है।
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अगर आप चांदी के बर्तन में जल सहेज कर घर के मंदिर में रखते हैं तो इससे आपको मानसिक शांति मिलती है। इससे कुंडली में चंद्रमा भी प्रबल हो सकता है।
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रोज घर में चारों तरफ संगम का जल छिड़काने से नजर दोष, वास्तु दोष और नकारात्मक शक्तियों से बचाव हो सकता है।
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जल को स्पर्श करने से पहले अपनी शुद्धता और पवित्रता का विशेष ध्यान रखें। मासिक धर्म (पीरियड्स) के दौरान महिलाओं को संगम का जल नहीं छूना चाहिए।
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संगम के जल को इस्तेमाल करने से पहले प्रणाम करें। अगर निकालते समय जल जमीन पर गिर जाए तो उसे हाथ से साफ करके मा���े पर लगा लेना चाहिए।
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