इतिहास और संस्कृति का संगम हैं बिहार के ये मंद‍िर, आपकी यात्रा को बनाएंगे खास

Apr 11, 2025

By: Medha Chawla

इतिहास और संस्कृति का संगम हैं बिहार के ये मंद‍िर, आपकी यात्रा को बनाएंगे खास

​महाबोधि मंदिर, बोधगया

​महाबोधि मंदिर, बोधगया

महाबोधि मंदिर बिहार में स्थित एक प्रसिद्ध बौद्ध मंदिर, ज‍िसे यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल भी घोषित किया गया है। ये जगह भगवान बुद्ध के ज्ञान प्राप्‍त‍ि से जुड़ी हुई है।

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​सूर्य मंदिर, औरंगाबाद

​सूर्य मंदिर, औरंगाबाद

औरंगाबाद का सूर्य मंदिर, देश के प्राचीनतम सूर्य मंदिरों में से एक है। ये अपनी अनोखी वास्तु शिल्प कला और छठ पूजा के समारोहों के लिए प्रसिद्ध माना जाता है।

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​विष्णुपद मंदिर, गया

​विष्णुपद मंदिर, गया

विष्णुपद मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित मंदिर है, जो पितरों के श्राद्ध और मोक्ष के लिए भी जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि यहां पिंडदान करने से पितरों को मुक्‍त‍ि म‍िलती है।

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​जानकी मंदिर, सीतामढ़ी

सीतामढ़ी में स्थित जानकी मंदिर माता सीता के जन्मस्थान के रूप में प्रसिद्ध है और ये एक प्रमुख तीर्थ स्थल है। इस मंदिर की भव्य संरचना बेहद खूबसूरत है।

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​जल मंदिर, पावापुरी

जल मंदिर को भगवान महावीर की मोक्ष स्थली माना जाता है। इस मंदिर को जल सरोवर के बीच में बनाया गया है, जो कमल के फूलों से भरा रहता है।

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​विश्व शांति स्तूप, राजगीर

विश्व शांति स्तूप में, अपने धार्मिक महत्व और सुंदरता के लिए पूरे व‍िश्‍व में प्रसिद्ध है। ये मंदिर 400 मीटर की ऊंचाई पर रत्नागिरी की पहाड़ी पर मौजूद है। ये स्तूप सफेद संगमरमर से बना हुआ है।

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​बाबा मंगल तालाब मंदिर, गया

ये मंदिर पटना के मंगल तालाब के सामने स्थित है और प्राचीन काल से ही यहां है। मंदिर में मां काली की एक प्रतिमा व‍िराजमान है, जो काले संगमरमर से बनी है।

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​पटना साहिब गुरुद्वारा

पटना साहिब गुरुद्वारा सिख धर्म के पांच तख्तों या अधिकार-पीठों में से एक है। ये स्‍थान सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी की जन्मस्थली भी माना जाता है।


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मुंडेश्वरी मंदिर, कैमूर

मुंडेश्वरी मंदिर बिहार के कैमूर जिले में पंवरा पहाड़ी पर स्थित है और अपनी प्राचीनता, अनोखी बलि प्रथा, और माता मुंडेश्वरी की मूर्ति के लिए प्रसिद्ध है।

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