हिमाचल प्रदेश स्थित कसोल शहर पर्यटकों की पहली पसंद बना हुआ है। कसोल कुल्लू से करीब 42 किलोमीटर दूर स्थित है। ये करीब 1640 मीटर की ऊंचाई पर है।
कसोल में मौजूद पार्वती नदी इस जगह को बेहद खूबसूरत बनाती है।
कसोल से सिर्फ 6 किमी दूर मणिकरण साहिब गुरुद्वारा दो नदियों –ब्यास और पार्वती के बीच बनाया गया है। गुरुद्वारा के परिसर के भीतर स्थित गर्म पानी का झरना इस जगह की खासियत है।
हिमालय की गोद में बसा मलाणा को भारत का ग्रीस भी कहा जाता है। मलाना अपनी विशिष्ट संस्कृति और जमालू देवता का मंदिर के लिए प्रसिद्ध है।
ट्रैकिंग के शौकीन लोगों के लिए खीर गंगा ट्रेक कासोल में करने के लिए सबसे आसान ट्रेक में से एक है।
छलाल गांव समुद्र तल से लगभग 5366 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। छलाल गांव में भी इजरायल संस्कृति का एक सार है। तोश की तरह, छलाल में भी अनोखे कैफे हैं।
कसोल से लगभग 60 किमी की दूर शांत जंगल घाटी के बीच तीर्थन घाटी है। कसोल के एक दिन के भ्रमण के दौरान इस खूबसूरत घाटी के अद्भुत दृश्यों का आनंद लिया जा सकता है।
कसोल से लगभग 30 किमी की दूरी पर स्थित भुंतर है। कुल्लू जिले के अंतर्गत भुंतर ऑफबीट पर्यटन गंतव्य है। यह पहाड़ी गंतव्य घने जंगलों और खड़े ट्रेल्स के बीच घिरा है।
नग्गर गांव कासोल में एक कम पहचाना हुआ गांव है। इसमें मंदिरों, सैन्य ढांचे और संग्रहालय हैं जो कसोल जाने वालो के लिए सबसे अच्छे स्थानों में से एक हैं।
इस स्टोरी को देखने के लिए थॅंक्स